- December 30, 2014
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय:एनएलसीपीआर के तहत करीब 472 करोड़ रुपए जारी
जुलाई एवं अगस्त 2014 के अंतिम सप्ताह में प्रत्येक राज्य के लिए अलग से राज्य और केंद्र स्तरों पर समाप्त न होने वाले संसाधनों की केंद्रीय पूल (एनएलसीपीआर) योजनाओं की समीक्षा की गई।
मंत्रालय की विकासात्मक योजनाओं के कारगर क्रियान्वयन के लिए गुवाहाटी में 21-22 अगस्त को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के एक सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन में सभी साझीदारों ने 6 कार्यसमूहों जिनके नाम हैं : सड़क (जलमार्ग/रेलवे/उड्डयन/दूरसंचार से जुड़े संपर्क मुद्दे) : शिक्षा (प्राथमिक एवं उच्चतर) और कौशल विकास समेत एचआरडी : जल आपूर्ति, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता : कृषि/बागवनी (पशुपालन/रेशम उत्पादन एवं लघु सिंचाई) : बिजली एवं पर्यटन के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के विकासात्मक मुद्दों पर सक्रियतापूर्वक भाग लिया।
एनएलसीपीआर योजनाओं को ज्यादा जवाबदेह और पारदर्शी बनाने के लिए संशोधनों पर दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं जिससे सम्मेलन में राज्यों द्वारा दिए गए सुझावों को उनमें समाविष्ट किया जा सके।
परियोजनाओं को पूरा करने में होने वाली देरी से निपटने और राशि को शीघ्र जारी करने के लिए नई परियोजनाओं के चयन, मंजूरी एवं स्वीकृति को इस तरीके से युक्तिसंगत बनाया जा रहा है जिससे अक्टूबर से अप्रैल तक के राज्यों के कार्यसत्र का क्रियान्वयन के लिए पूर्ण उपयोग किया जा सके।
पिछले छह महीनों के दौरान एनएलसीपीआर राज्य के तहत 400 करोड़ रुपये और एनएलसीपीआर केंद्र के तहत 71.97 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। एक निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार की नियुक्ति तथा कर्मचारी द्वारा नियमित निगरानी प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है।
क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में ईमेल अलर्ट के साथ ऑनलाइन तैयारी, डीपीआर की प्रस्तुति के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए गए।
पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए समर्थन तथा इनपुट लेने के लिए पूर्वोत्तर के सभी सांसदों की एक बैठक आयोजित की।