- October 30, 2018
पूर्णिया विश्वविद्यालय को 37.245 एकड़ भूमि का हस्तांतरण
पटना——- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज पूर्णिया विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन, बास्केट बॉल, सिंथेटिक कोर्ट, सेमिनार हॉल, बैडमिंटन कोर्ट के लोकार्पण के साथ ही विश्वविद्यालय परिसर की चहारदीवारी एवं सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभ शिलापट्ट का अनावरण कर किया।
पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह का मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। समारोह में पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजेश सिंह ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री के अभिनंदन में स्वागत गान की भी प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता के लिए विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किये गए युगांतर-2018 और खेल-कूद प्रतियोगिता के संदर्भ में आयोजित किये गए लक्ष्य-2018 के विजेता एवं उप विजेता को मुख्यमंत्री ने ट्रॉफी प्रदान किया। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति को विश्वविद्यालय हेतु 37.245 एकड़ भूमि का हस्तांतरण पत्र भी सौंपा।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्घाटन समारोह में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। हमलोगों ने पूर्णिया, मुंगेर और पाटलिपुत्र तीन नए विश्वविद्यालय का सृजन करने का निर्णय लिया जिसमें पाटलिपुत्रा और पूर्णिया विश्वविद्यालय का उद्घाटन हो चुका। हम चाहेंगे कि हमारे शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री आर0के0 महाजन मुंगेर विश्वविद्यालय के उद्घाटन की तारीख भी जल्द तय करें। उन्होंने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति शैक्षिणक व्यवस्था के साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए जो इनिशिएटिव ले रहे हैं, वह सराहनीय है, मैं इसके लिए उन्हें बधाई देता हूँ।
हमारी इच्छा है कि पूर्णिया विश्वविद्यालय जितनी जल्दी संभव हो अपने कैम्पस में आ जाय, इसके लिए बुनियादी काम प्रारम्भ हो चुका है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय के लिए 37 एकड़ जमीन हस्तांतरित कर दी गयी है। इसके अलावा जमीन की और आवश्यकता पड़ेगी तो इसकी व्यवस्था की जाएगी। हम चाहते हंै कि पूर्णिया एक आइडियल यूनिवर्सिटी बने, इसके लिए जिन संसाधनों और जितनी धनराशि की जरूरत पड़ेगी, राज्य सरकार मुहैया कराएगी। पूर्णिया विश्वविद्यालय का कार्य पूर्णरूपेण शुरू हो जाय इसके लिए राज्य सरकार हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए जमीन की मांग पूर्णिया कमिश्नरी में की गई थी, जिसे उपलब्ध कराया गया। पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम के नाम पर एग्रीकल्चर कॉलेज खोला जा रहा है। पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत फिशरीज महाविद्यालय की स्थापना किशनगंज में की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्णिया मेडिकल सेंटर रहा है और यहाँ मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए टेंडर भी हो चुका है। जब तक हमारी युवा पीढ़ी शिक्षित नहीं होगी, विकास का फल नहीं दिखेगा। उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। हर तबके और हर इलाके का विकास हो, इसके लिए हमारी योजनाएं यूनिवर्सल होती हैं ताकि विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब हमने कार्यभार संभाला तो एक सर्वे कराया। इसमें पता चला कि प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, जिसके बाद तालिमी मरकज, टोला सेवक एवं शिक्षा स्वयं सेवकों की मदद से बच्चो को स्कूलों तक पहुंचाया गया और अब 1 प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूलों से बाहर हैं।
उन्होंने कहा कि 5वीं के बाद लड़कियां स्कूल कम जाती थीं, जिसे देखते हुए कक्षा एक से दस तक लड़के और लड़कियों दोनों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। लड़कियों को 12वीं कक्षा तक पोशाक उपलब्ध कराई जा रही है। प्रत्येक पंचायत में एक उच्च विद्यालय खोलने का फैसला लिया गया और अब तक 1200 से अधिक को मंजूरी दे दी गई है।
पोशाक योजना के बाद साइकिल योजना की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि 10 साल के अंदर बिहार की आबादी में 24 से 25 प्रतिशत की वृद्धि होती थी और एक अध्ययन में यह पाया गया कि अगर 10वीं पास शादीशुदा महिला है तो उस परिवार का प्रजनन दर 2 प्रतिशत है और राष्ट्रीय औसत भी 2 है, जबकि यदि महिला 12वीं पास है तो प्रजनन दर 1.6 है, वहीं राष्ट्रीय औसत 1.7 है। इसके बाद हमारे मन में यह विचार आया कि अगर हमारी सभी लड़कियां प्लस टू तक पढ़ लेंगी तो बढ़ते प्रजनन दर की चिंता दूर हो जाएगी।
हम लोगों की सेवा करते हैं, हवाबाजी में हमारा भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि 2015 में हमने देखा कि 12वीं के बाद पढ़ने वाले छात्रों की संख्या कम है, जिसके कारण बिहार का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो काफी कम है। देश का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 24 प्रतिशत, जबकि बिहार में यह महज 13.9 प्रतिशत था। उच्च शिक्षा के प्रति युवक-युवतियों को प्रेरित करने के लिए हमने 2015 में सात निश्चय योजना के तहत इसके लिए 7 अवयव तय किये।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों के लिए 4 लाख रुपये तक शिक्षा ऋण की व्यवस्था की और नौकरी की तलाश में जुटे युवाओं के लिए स्वयं सहायता भत्ता के माध्यम से दो साल तक प्रतिमाह एक हजार रुपये सहायता प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। कुशल युवा कार्यक्रम के माध्यम से कम्प्यूटर ज्ञान, संवाद कौशल और व्यवहार कौशल के लिए 240 घंटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अब तक लाखों की संख्या में युवक-युवतियां प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। उद्यमिता में रुचि रखनेवाले युवाओं को सहायता देने के लिए 500 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड बनाया गया है। सभी सरकारी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में मुफ्त इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के अलावा हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, पारा मेडिकल संस्थान, महिला आई0टी0आई0 और जी0एन0एम0 संस्थान की स्थापना की जा रही है, जबकि हर सबडिवीजन में आई0टी0आई0 एवं ए0एन0एम0 स्कूल खोले जा रहे हंै। कुछ को छोड़कर सभी संस्थानों के लिए जमीन की मंजूरी दे दी गयी है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी सेवाओं में हमलोगों ने महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है। हर घर बिजली कनेक्शन मुहैया कराने के लिए 31 दिसम्बर का लक्ष्य था लेकिन ऊर्जा विभाग ने हमें आश्वस्त किया है कि 31 अक्टूबर तक हर घर तक बिजली कनेक्टीविटी पहुँचा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में षिक्षकों की जरूरत है और उनके रिटायरमेंट के कारण संख्या घटती चली जा रही है, जिसे देखते हुए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि 3,350 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई की जा रही है और अब तक 1,424 पदों पर अनुशंसा प्राप्त हो चुकी है। शेष पदों पर शीघ्र ही अधियाचना की गई है और इस दिशा में अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है। उन्होंने कहा कि फणीश्वर नाथ रेणु की रचनाएं अद्भुत हैं और मिथिला, भोजपुर या मगध हर इलाकों की जबर्दस्त भूमिका रही है। हम चाहते हैं कि जितनी भी शिक्षण संस्थाएं हैं उनमें पूरी स्वायत्तता रहे। हमारा सपना है कि बिहार फिर से ज्ञान की भूमि बने और हम अपने उस पुराने अतीत के गौरव को प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि समाज मे आपसी सौहार्द्र, भाईचारा और प्रेम का माहौल कायम रहेगा तो बिहार बहुत आगे बढ़ेगा। अगर आपस मे झगड़ा या विवाद होगा तो विकास कार्यों का फायदा नहीं मिलेगा।
मारोह में शामिल लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को हाथ उठाकर संकल्प दिलाते हुए कहा कि अतीत के गौरव को पुनः हासिल करने के लिए समाज में प्रेम का माहौल कायम करने में अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं की इसमें अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री ने गांधी जी द्वारा बताए गए 7 सामाजिक पापों में से 2 की चर्चा भी की। सिद्धांत के बिना राजनीति और काम के बिना धन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति करिये तो उसमें सिद्धांत का हर हाल में ख्याल रखिये। उन्होंने कहा कि बिहार देश का सभ्यता द्वार है और कई मामलों में मानव जाति का भी।
समारोह को शिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, कला संस्कृति मंत्री श्री कृष्ण कुमार ऋषि, आपदा एवं लघु जल संसाधन और पूर्णिया जिले के प्रभारी मंत्री श्री दिनेश चंद्र यादव, पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजेश सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री विनोद कुमार सिंह, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, सांसद श्री संतोष कुशवाहा, विधायक श्री विजय खेमका, विधायक श्री नौषाद आलम, विधायक श्रीमती लेसी सिंह, विधायक श्रीमती बीमा भारती, विधायक श्रीमती पूनम पासवान, विधायक श्री तारकिशोर प्रसाद, विधान पार्षद श्री दिलीप कुमार जायसवाल, विधान पार्षद श्री अशोक अग्रवाल, विधान पार्षद श्री संजीव कुमार सिंह, पूर्व मंत्री श्री दुलालचंद गोस्वामी, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री आर0के0 महाजन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्राचार्य एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।