- November 2, 2015
पीसीपीएनडीटी में संशोधन: 10 सदस्यीय समिति का गठन
जयपुर -केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम- 1994 वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यक संशोधन के लिए संयुक्त सचिव पीसीपीएनडीटी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में प्रदेश के विशिष्ट शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री नवीन जैन को भी शामिल किया गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित केन्द्रीय पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता प्रतिपादित की गयी थी। इस आधार पर देशभर के 10 विशेषज्ञों को इस समिति में शामिल किया गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आदेशों के अनुसार इस समिति में राजस्थान के राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी श्री नवीन जैन को भी शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अनेक अभिनव प्रयास किये गये है एवं इन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर सराहना मिली है। प्रदेश के सातों संभागों में पीसीपीएनडीटी न्यायालय स्थापित किये जा चुके हैं एवं पीसपीएनडीटी ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन थाने भी स्थापित किये गये हैं। इसके साथ ही डिकॉय ऑपरेशन कर भू्रण लिंग परीक्षण करने वाले सोनोग्राफी केन्द्रों के विरूद्घ नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जा रही है।
भू्रण लिंग परीक्षण संबंधी गोपनीय शिकायतें मुखबिर योजना के तहत दर्ज करके आवश्यक कार्यवाही की जाती है एवं सूचना सही पाये जाने पर मुखबिर को 2 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। ‘104’टोल फ्री नंबर पर भी भू्रण लिंग परीक्षण संबंधी शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा है एवं पंजीकृत समस्त सोनोग्राफी मशीनों में एक्टिव ट्रेकर डिवाइस स्थापित करवायी जा चुकी है। देश में राजस्थान पहला प्रदेश है जहां पीसीटीएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से समस्त गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं नवजात शिशुओं का सम्पूर्ण रिकार्ड आनॅलाईन संधारित किया जा रहा है।
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