- January 23, 2016
पीलिया रोकथाम की समीक्षा :- मुख्य सचिव श्री पी. मित्रा
मुख्य सचिव श्री पी. मित्रा की अध्यक्षता में आज यहां पीलिया की रोकथाम के सम्बन्ध में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमें सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य, नगर निगम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शहरी विकास व नगर नियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों से पीलिया से निपटने के लिए मिलजुल कर प्रभावी कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि शिमला शहर के लिए अश्वनी खड्ड से होने वाली पेयजल आपूर्ति 2 जनवरी 2016 से बंद कर दी गई है और वर्तमान में शिमला शहर को गुम्मा व गिरी पेयजल योजनाओं से पानी की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां से आने वाले पानी की सुपर कलोरीनेशन कर पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई गई है।
उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को नियमित रूप से जल की गुणवत्ता के अनुश्रवण के निर्देश दिए। उन्होंने शहरी विकास एवं पंचायती राज विभाग, उपायुक्त सोलन को अश्वनी खडड कैचमेंट क्षेत्र की सभी बस्तियों में शौचालय सुविधा के अन्तर्गत लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में की जा रही पेयजल आपुर्ति के दिन में तीन सैंपल लेना सुनिश्चित बनाएं और उनकी जांच अपनी लैबों के अलावा स्वास्थ्य विभाग की कंडाघाट स्थित सेंट्रल प्रयोगशाला व अन्य प्रयोगशालाओं में करवाएं। उन्होंने कहा कि शहर के सभी मुख्य जल भंडारण टेकों की सफाई की गई है। उन्होंने शहरवासियों से भी आग्रह किया वे निजी टेकों की सफाई सुनिश्चित बनाएं ताकि पीलिया के रोग से बचा जा सके। उन्होंने मलयाणा स्थित सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य सुचारू रूप से चलाने के निर्देश दिए तथा इसकी निगरानी एवं अनुश्रवण भी सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने ट्रीटमेंट प्लांट के लिए शीघ्र ही पावर जनरेटर उपलब्ध करवाने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शहर के रिज, पुराने बस स्टेंड व विकास नगर में स्थापित तीनों एटीएम से लोगों को निशुल्क पेयजल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने नगर निगम, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, शहरी नियोजन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम क्षेत्र के अलावा शहर के साथ लगत अन्य क्षेत्रों में सेप्टिक टेंकों से हो रहे रिसाव पर कड़ी नजर बनाए रखंे। उन्होंने कहा कि सेप्टिक टेंक के स्थान पर बायो-डाईजेस्टर टेंक के लिए लोगों को प्रेरित करें क्योंकि इससे पर्यावरण को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.सी. धीमान ने सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा शिमला व साथ लगते क्षेत्रों में फैले पीलिया से निपटने के लिए उठाए गए कदमों बारे
संख्याः 84/2016-पब ..2..
जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पेयजल आपूर्ति स्रोतो व भंडारण टेकों में सुपर कलोरीनेशन की जा रही है।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर के लिए गुम्मा से आगामी दो माह के भीतर दो से तीन एम.एल.डी. अतिरिक्त पेयजल आपूर्ति की जाएगी जिसके लिए 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई हैं। इसके अतिरिक्त, गिरी पेयजल आपूर्ति योजना के मुख्य स्रोत से 2 किलोमीटर तक मुख्य लाईन को बदला जाएगा जिस पर लगभग 2.75 करोड़ अनुमानित खर्चा आएगा। उन्होंने कहा कि विभाग कोटी नाला से 1.05 करोड़ रुपये की लागत से पाईप लाईन बिछाएगा।
नगर निगम के आयुक्त श्री पंकज राय ने कहा कि निगम द्वारा लोगों को जारूगक करने के लिए सात टीमों का गठन किया गया है जो पीलिया प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को कलोरीन की गोलियां वितरित करने के अलावा सिवरेज लाईनों की लीकेज आदि पर भी नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि 175 लोगों को उनकी सिवरेज लाईन लीकेज, सेप्टिक टेंकों के लीकेज आदि के कारण नोटिस दिए गए हैं जबकि सात पानी के कनैक्शन काट दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर के लिए 52 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है जिसके तहत सिवरेज लाईन बिछाने के अलावा क्रेगनेनो से ढली, संजौली व रिज तक मेन पाईप लाईन की रिपेयर की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर की सभी बावडि़यों को सील कर दिया गया है और लोगों को यहां से पानी न लेने की सूचना भी दी गई है।
निदेशक स्वास्थ्य विभाग डा. डी.एस. गुरंग ने विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न पगों बारे जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न विभागों को आश्वस्त किया कि वे आईपीएच व नगर निगम को पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी उपलब्ध करवाएंगे ताकि वे लोगों को जल स्वच्छता बारे जागरूक करने में अपनी सहायता दे सकें।
विशेष सचिव स्वास्थ्य कुमार नंदिता गुप्ता, उपायुक्त सोलन श्री मदन चैहान, निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग डा. एम.पी. सूद, सिंचाई विभाग के इंजिनियर इन चीफ श्री कंवर व विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।