पार्टी प्रदेश के मुखिया में हेराफेरी –

पार्टी प्रदेश के मुखिया में हेराफेरी  –

सीधी (विजय सिंह)———- आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दलों ने अपने प्रदेश के मुखिया बदले हैं। कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष ने तो तकरीबन 1 दर्जन से अधिक जिलों में नई नियुक्ति की है, उसमें विंध्य के सीधी, रीवा, सतना तथा शहडोल जिले के अध्यक्षों को बदला गया। शहडोल में तो एक सप्ताह में ही दोबार परिवर्तन किया गया।

भारतीय जनता पार्टी ने कल सीधी सहित नरसिंहपुर व राजगढ़ जिले के अध्यक्षों की नई नियुक्ति कर डाली। परिवर्तन के दौर में दोनों ही दलों ने सीधी का नाम काम न होने से राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। भाजपा चुरहट को लक्ष्य बनाकर रणनीति बना रही है तो कांग्रेस अबकी चारों सीटों पर निगाह लगाये हुये है।

कांग्रेस ने आनंद बहादुर सिंह चौहान की जगह रुद्र प्रताप सिंह चौहान ‘‘बाबा दादा’’ तथा भारतीय जनता पार्टी ने लालचंद गुप्ता की जगह प्रदेश चिकित्सा प्रकोष्ठ के सह संयोजक डा. राजेश मिश्रा की नियुक्ति की है। हालांकि श्री गुप्ता का कार्यकाल अभी 6 महीने शेष था।

दोनों ही दलों के नव नियुक्त जिलाध्यक्षों में कुछ मौलिक समानतायें हैं। दोनों ही सौम्य, शालीन,गंभीर, मृदुभाषी व पहले सुनने वाले व बाद में बोलने वाले हैं। एक समानता यह भी है कि दोनों ही लोग आसन्न विधान सभा चुनाव में सीधी विधान सभा क्षेत्र से, अपने-अपने दल से प्रत्याशी की दौड़ में शामिल थे।

हालांकि सीधी विधान सभा भाजपा के पास है और केदार नाथ शुक्ल विधायक हैं। जैसी की सामान्य अवधारणा है कि दोनों ही दल, पार्टी के जिला प्रमुख को विधान सभा का टिकट देने के पक्ष में नहीं हैं। दोनों ही लोग स्वमेव तरीके से इस प्रतिस्पर्घा से बाहर हो गये लगते हैं।

एक समानता और भी है। विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ‘‘राहुल’’ तथा प्रदेश भाजपा के महामंत्री, राज्य सभा के नव निर्वाचित सांसद अजय प्रताप सिंह का सीधी गृह जिला है। संगठन में उनकी सुना जाना लाजमी है।

स्वतंत्र पत्रकार
19, अर्जुन नगर, सीधी

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