• December 18, 2014

पाकिस्तान के आर्मी पब्लिक स्कूल :: मरने वाले अल्लाह थे , पर जीने वाले सब काफ़िर।

पाकिस्तान के आर्मी पब्लिक स्कूल  :: मरने वाले अल्लाह थे , पर जीने वाले सब काफ़िर।
जिंदा है क्या कोई मुस्लिम ,
अब भी जीने के  खातिर।
खून उन्हीं की उनके छत है ,
उनके हैं हथियार सभी।
मरने वाले अल्लाह थे ,
पर जीने वाले सब काफ़िर।।

नहीं जानते धर्म कोई भी ,
हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई।
एक शिवा है डमरू वाला ,
और दूसरा मुस्लिम साँई।
दोनों की ही पूजा होती ,
कहाँ धार्मिक झगड़ा माहिर ।।

अंतर दोनों में बस इतना ,
एक गाय की पूजा करता।
एक गाय को काट रहा है ,
बाँट रहा है हिन्दू मुस्लिम।
पड़े यहाँ जो शव उसके हैं ,
इससे ज्यादा हो क्या जाहिर ।।

आँखें खोलो सुबह हो गई ,
समता का हुंकार भरों।
कोई बड़ा न छोटा कोई ,
झगड़ों का प्रतिकार करो।
हाथ मिला लो गले लगा लो ,
बस जीवन जीने की खातिर ।।

सर्वनाश क्यों करते खुद का ,
चंद सियासत के कारण।
सत्ता नहीं गुलाम किसी की ,
हम उस सत्ता के हैं चारण।
जिसका जग में डंका बजता ,
वाही कराता सब कुछ जाहिर ।।

करन बहादुर संबंध सेतु (मासिक पत्रिका)
ग्राम – बादलपुर , नोएडा -203207
मोबाईल नंबर – 09717617357, 9015151607

Related post

सिक्किम की नदियाँ खतरे में !

सिक्किम की नदियाँ खतरे में !

लखनउ (निशांत सक्सेना) —— तीस्ता -III परियोजना पर वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन और लोकतांत्रिक निर्णय की माँग जब भी…
हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

पीआईबी : (नई दिल्ली)  उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़  ने अवैध प्रवास पर गंभीर चिंता व्यक्त…
भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

पीआईबी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने 21 और 22 फरवरी 2025 को…

Leave a Reply