• May 17, 2022

परिसीमन अभ्यास पर इस्लामिक सहयोग संगठन की “अनुचित टिप्पणियों” से निराश

परिसीमन अभ्यास पर इस्लामिक सहयोग संगठन की “अनुचित टिप्पणियों” से निराश

भारत ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में किए गए परिसीमन अभ्यास पर इस्लामिक सहयोग संगठन की “अनुचित टिप्पणियों” से निराश है और समूह को एक देश की तरफ से अपने “सांप्रदायिक एजेंडे” को अंजाम देने से परहेज करने का आग्रह किया. भारत ने किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन माना जा रहा है कि उसका इशारा पाकिस्तान की ओर था.

इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “हम इस बात से निराश हैं कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर अनुचित टिप्पणी की है.”

दरअसल 16 मई को ओआईसी सचिवालय ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया था. बयान के मुताबिक, “ओआईसी महासचिव भारत द्वारा अवैध रूप से अधिकृत जम्मू और कश्मीर की चुनावी सीमाओं को फिर से बनाने, क्षेत्र की जनसांख्यिकीय ढांचे को बदलने और कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करने के भारत के प्रयासों पर गहरी चिंता व्यक्त करता है.”

ओआईसी ने अपने बयान में आगे कहा, “परिसीमन का यह अभ्यास यूएन सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून के सीधे उल्लंघन में हैं, जिसमें चौथा जिनेवा कन्वेंशन भी शामिल है.” ओआईसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर यूएन सुरक्षा परिषद से इस तरह की परिसीमन प्रक्रियाओं के गंभीर परिणामों को लेकर तुरंत संज्ञान लेने आग्रह किया.

बागची ने ओआईसी के इस बयान पर कहा कि भारत ने कई मौकों पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर ओआईसी सचिवालय द्वारा किए गए दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था. बयान में कहा गया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है. बयान के मुताबिक, “हम इस बात से निराश हैं कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर अनुचित टिप्पणी की है.”

यह पहली बार नहीं है जब ओआईसी ने कश्मीर को लेकर टिप्पणी की और भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. पिछले महीने भारत ने ओआईसी की आलोचना उस वक्त की थी जब उसने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन को इस्लामाबाद में ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था.

जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने इसी महीने अपनी अंतिम रिपोर्ट जारी की थी. आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने पर जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे. आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 सीटें होंगी. परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य में सात विधानसभा सीटें बढ़ जाएंगी. रिपोर्ट में जम्मू संभाग में छह और कश्मीर में एक विधानसभा सीट को बढ़ाया गया है.

पाकिस्तान ने रिपोर्ट को खारिज किया

आयोग की रिपोर्ट आने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताते हुए भारत के प्रभारी राजदूत को तलब किया और उसने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करने की बात कही है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने प्रभारी राजदूत से कहा कि परिसीमन आयोग का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर की मुस्लिम बहुसंख्यक आबादी को “बेदखल और अक्षम” करना है.

2019 में जम्मू और कश्मीर से विशेष राज्य दर्जा वापस लेने के बाद से ही पाकिस्तान खासा नाराज है और उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध कम हो गए. उसके बाद इस्लामाबाद ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत स्पष्ट रूप से कह चुका है कि संसद द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करना उसका आंतरिक मामला था.

भारत कहता रहा है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव लंबे समय से कराए जाने बाकी है और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव कराए जाएंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसी साल फरवरी में कहा था कि अगले छह से आठ महीनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे.

(DW॰कॉम_)

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