• December 10, 2014

पण्डित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना – विशेष ग्राम सभाएं

पण्डित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना –  विशेष ग्राम सभाएं

जयपुर -राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की पहल पर पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों में 10 दिसम्बर 2014 को केन्द्र सरकार की निर्धन ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास एवं उनके रोजगार हेतु एक महत्वाकांक्षी योजना में लाभार्थियों के चयन हेतु ”विशेष ग्राम सभा’ का आयोजन किया जा रहा है।

समस्त इच्छुक युवाओं को योजना का लाभ पहुँचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भागीदारी पूर्ण प्रक्रिया से योग्य लाभार्थियों के चयन हेतु विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है।

सचिव एवं आयुक्त, पंचायती राज विभाग द्वारा ”विशेष ग्राम सभा’ आयोजन हेतु 2 दिसम्बर को राज्य की सभी जिला परिषदों और विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को पत्र भेज कर आग्रह किया है कि ”विशेष ग्राम सभा’ की बैठक से अधिक से अधिक योग्य लाभार्थियों का चयन किया जाये।

योजना का शुभारम्भ 17 जुलाई और 7 अगस्त 2014 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चयनित संस्थाओं के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये जाने के साथ किया गया था।

पण्डित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (पूर्व नाम ‘आजीविका कौशलÓ) में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार का अंश 75:25 के रूप में निर्धारित है। केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के लिए आगामी वर्ष में एक लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लक्ष्य का अनुमोदन किया गया है।

राज्य में इस योजना को लागू करने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा ”राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगमÓÓ का चयन किया गया है एवं निगम द्वारा योजना को लागू करने हेतु 43 परियोजना कार्यान्वयन एजेन्सियां (च्प्।े) का चयन किया गया है। ये चयनित एजेन्सियां राज्य के सभी जिलों में प्रशिक्षण केन्द्र खोलकर चयनित लाभार्थियों को प्रशिक्षण उपरान्त निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगी।

पण्डित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना में लाभार्थियों की तीन श्रेणियाँ निर्धारित की गयी इनमें 18 से 35 वर्ष के वे निर्धन ग्रामीण युवा जो चयनित बी.पी.एल. परिवार के सदस्य, जिनका नाम बी.पी.एल. सूची 2002 अथवा पूरक बी.पी.एल. सूची 2006, 2008, 2010 और

2012 में सम्मलित है। इसके अलावा ग्रामीण युवा जिन्होंने गत प्रत्येक तीन वर्षों में कम से कम 35 दिन तक महात्मा गाँधी ग्रामीण रोजगार गारण्टी (मनरेगा) योजना में काम किया हो अथवा ग्रामीण निर्धन का भागीदारी पूर्ण (पी.आई.पी.) प्रक्रिया द्वारा निर्धारण किया गया है।

योजना के प्रमुख बिन्दु

क             प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णतया नि:शुल्क है।

क             योजना में चयनित संस्थाओं द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में 200 प्रशिक्षण केन्द्र्र स्थापित किये जायेंगे।

क             योजना के अन्तर्गत विभिन्न आर्थिक क्षेत्र/ट्रेड में प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा तीन माह का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।

क             प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा प्रत्येक बैच के 75 प्रतिशत प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण पश्चात् निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।

क             योजना में आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा रहने व खाने की व्यवस्था की जायेगी, गैर-आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक प्रशिक्षु को प्रत्येक प्रशिक्षण दिवस के 100 रुपये उसके बैंक खाते में देय होगें। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षु को प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा एक यूनिफार्म भी उपलब्ध करायी जायेगी।

योजना में निम्न ट्रेडस् में प्रशिक्षण दिया जायेगा

सूचना एवं प्रौद्योगिकी, बैंकिंग व लेखांकन, रिटेल, हॉस्पिटेलिटी, मेडिकल व नर्सिंग, खाद्य प्रसंस्करण व संरक्षण, ऑटोमोटिव रिपेयर, कूरियर व लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य देखभाल, सामग्री प्रबन्धन, ब्यूटी क्लचर व केश सज्जा, यात्रा एवं पर्यटन, वस्त्र एवं परिधान, भवन निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण व उत्पादन, सुरक्षा गार्ड, सुरक्षा सुपरवाइजर, फेब्रिकेशन एवं इलेक्ट्रिकल्स।

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