- February 27, 2016
नौतोड़ भूमि का आबंटन
हिमाचलप्रदेश ———————- वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी, हि.प्र. विधानसभा उपाध्यक्ष श्री जगत सिंह नेगी और लाहौल-स्पिति के विधायक एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री रवि ठाकुर ने आज यहां राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत से भेंट की।
वनमंत्री ने कहा कि राज्यपाल हिमाचल प्रदेश राज्य के सरंक्षक हैं और हिमाचल प्रदेश के अधिसूचित क्षेत्रों में नौतोड़ भूमि के आबंटन तथा वन भूमि का अन्य विकास कार्यों के लिए हस्तांतरण की व्यावहारिकता का वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में न होने के सम्बन्ध में राज्यपाल की स्वीकृति का आग्रह किया।
उन्होंनेे राज्यपाल को अवगत करवाया कि भारतीय संविधान की अनुसूची-5 के अन्तर्गत संबंधित राज्यपाल को अधिसूचित क्षेत्रों में अधिनियम विशेष में संशोधन, बदलाव अथवा निलम्बन की विशेष शक्तियां हैं। उन्होंने अवगत करवाया कि नौतोड़ भूमि प्रदान करने के उद्देश्य से वन संरक्षण अधिनियम के निलम्बन के संबंध में जुलाई, 2014 के दौरान कुछ शर्तों सहित एक अधिसूचना जारी की गई थी।
उन्होंने कहा कि इन शर्तों के कारण नौतोड़ भूमि के मामलों की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सकता। भारतीय संविधान की अनुसूची-5 में किए गए प्रावधानों के अन्तर्गत राज्यपाल को इसे समाप्त करने की शक्तियां प्रदान की गई है।
राज्य मंत्रिमण्डल ने भी वन संरक्षण अधिनियम, 1980 को निलम्बित करने के प्रस्ताव पर अपनी संस्तुति दी है, क्योंकि इस अधिनियम के अन्तर्गत विकास कार्यों के लिए वन स्वीकृति की आवश्यकता रहती है और समय पर वन स्वीकृति न मिलने से विकास कार्यों में अनावश्यक देरी होती है।