- June 10, 2019
नीतीश कुमार (जेडीयू) बीजेपी (NDA) का हिस्सा नहीं -अपने दम पर हम
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पटना:———– लोकसभा चुनाव के बाद मोदी कैबिनेट (PM Modi) में जेडीयू से एक भी मंत्री न बनाए जाने से खफा बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने BJP-JDU के रिश्तों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए शनिवार को पटना में कहा था कि हम पहले भी साथ थे और आगे भी साथ रहेंगे.
पटना में जनता दल यूनाइटेड (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया कि जेडीयू बिहार के बाहर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा नहीं होगी.
बैठक में हुए फैसले के अनुसार नीतीश कुमार (Nitish kumar) की जनता दल यूनाइटेड बिहार के बाहर होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव अकेली लड़ेगी.
पार्टी की तरफ से जारी बयान के अनुसार JDU जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी.
जेडीयू की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish kumar), पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, केसी त्यागी सहित पार्टी के सभी बड़े नेता उपस्थित थे.
बता दें कि JDU केंद्रीय मंत्रिमंडल का भी हिस्सा नहीं है. हाल ही में नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें जेडीयू के 8 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. वहीं, बीजेपी से किसी भी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया.
बैठक के बाद जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने कहा कि केंद्र सरकार को हमारा बाहर से समर्थन जारी रहेगा. नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए 171 सभाएं की.
हमारा गठबंधन मजबूत है और जारी रहेगा. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हमसे कहा था कि हमारा बहुमत है, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि सबको बराबर मौका दिया जाए. उन्होंने कहा कि शपथ समारोह के दिन भी अमित शाह ने फोन किया था. हमने किसी का नाम नहीं दिया था. लोगों के नामों से चलने वाली चर्चाएं गलत हैं.
नीतीश कुमार पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर आपकी राय है तो उन्होंने कहा कि जो सांकेतिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एक मंत्री शामिल किए जाने का ऑफ़र दिया गया था उसका कोई मतलब नहीं था. उसकी कोई आवश्यकता नहीं है.
नीतीश ने कहा कि जो होना होता है वो प्रारंभ में होता है. उन्होंने कहा कि सरकार चलाने का जनादेश ख़ुद जनता ने उनको दिया है, तो उसमें सहयोगी दलों की क्या ज़रूरत है.