- July 31, 2015
नीति आयोग की संचालन परिषद की दूसरी बैठक
कमलजीत अविनाशी – प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की संचालन परिषद की आज नई दिल्ली में आयोजित दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। परिषद ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम में उचित मुआवजा पाने के अधिकार और पारदर्शिता पर विचार-विमर्श किया।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबी समाप्त करने के लिए केंद्र और राज्यों को साथ मिलकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के बारे में राजनीतिक गतिरोध स्कूलों, अस्पतालों, सड़कों और सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण सहित ग्रामीण विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि जहां तक बढ़ा हुआ मुआवजा देने का संबंध है केंद्र और राज्यों के रुख में काई मतभेद नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का यह विजन है कि टीम इंडिया के एक भाग के रूप में विकास के सभी प्रयासों को राज्य इकाइयों पर केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि मुख्य मंत्रियों ने हमेशा यह अनुभव किया है कि केंद्र में विकास नीतियां राज्यों के परामर्श से तैयार की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान अच्छी शुरूआत हुई है और राज्यों को योजना प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है तथा राज्यों के मुख्य मंत्री नीति आयोग के उप-समूहों में लीड ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के गठन के बाद अनेक राज्यों ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 में उचित मुआवजा पाने के अधिकार और पारदर्शिता के बारे में यह अनुभव किया कि अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के कारण विकास कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। कुछ मुख्यमंत्रियों ने इस अधिनियम में परिवर्तन करने का अनुरोध किया था और इस आशय के पत्र भेजे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों की विकास संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को उनकी वैध देय राशि लगातार मिलती रहे यह अध्यादेश लाया गया था। प्रधानमंत्री ने सभी से यह अनुरोध किया कि समाधान के रास्ते में कोई राजनीतिक कारण आड़े नहीं आना चाहिए।
यह अध्यादेश ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में मदद करेगा और किसानों की खुशहाली बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि अब यह मामला संसदीय स्थाई समिति के समक्ष है इसलिए संसद के आगामी सत्र में यह उचित है कि एक बार सिर्फ राज्यों के सुझावों को सुना जाए। अंत में प्रधानमंत्री ने बैठक में शामिल होने के लिए मुख्य मंत्रियों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके सुझावों को स्वागत किया जाएगा।