निवेशकों से मित्रवत व्यवहार करें, उद्योग अर्थ-व्यवस्था बदल देते हैं : मुख्यमंत्री श्री चौहान

निवेशकों से मित्रवत व्यवहार करें, उद्योग अर्थ-व्यवस्था बदल देते हैं : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सभी तरह के उद्योगों में निवेश के लिए प्राप्त आवेदनों पर सकारात्मक सोच के साथ उद्योग संवर्धन नीति के तहत आवश्यक सुविधाएँ प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाएँ। जिन क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित होती है, वहाँ की संपूर्ण अर्थ-व्यवस्था सकारात्मक रूप से परिवर्तित हो जाती है। कोरोना काल के बाद विभिन्न निवेशक नई इकाइयों की स्थापना के लिए इच्छुक हैं, इनके प्रस्ताव पर विचार कर क्रियान्वित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज़ संबंधी बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभागों द्वारा समय-सीमा में की गई कार्यवाही की सराहना की और शेष प्रकरणों में प्रावधानों के अनुसार निवेशकों को जरूरी मंजूरियाँ जल्द से जल्द प्रदान करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न विभागों द्वारा निवेशकों को 30 दिवस में उद्योग शुरू करने के लिए दी गई सुविधाओं की समीक्षा भी की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भूमि आवंटन, विद्युत शुल्क में रियायत, पर्यावरण अनुमति और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए निवेशकों को परेशान न होना पड़े, इसके लिए कार्यों की सतत् समीक्षा करें। निवेशकों को समय-सीमा में प्रावधान के अनुसार सभी सुविधाएँ प्रदान करने के लिए बाधाएँ भी दूर की जाएँ। निवेशकों की प्रति हमारा व्यवहार मित्रवत हो। उन्हें दी जाने वाली सुविधाएँ सिर्फ उद्योग के हित में नहीं बल्कि आमजन के कल्याण का माध्यम भी हैं। औद्योगिक इकाइयों से सहायक लघु उद्योग भी पनपते हैं, रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। उद्योगों की दी गई छोटी-छोटी छूट से अर्थ-व्यवस्था के लिए बड़े लाभ प्राप्त हो जाते हैं।

बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा समय-सीमा में दी गई मंजूरियों और सेवाओं की प्रगति की जानकारी दी गई। कुल 45 चिन्हित सेवाओं में से 30 दिवस या उससे कम समयावधि वाली 43 सेवाओं के प्रदाय में विभागों ने तत्परता से कार्यवाही की है।

एक हफ्ते में व्यापार अनुज्ञप्ति के 1349 आवेदनों का निपटारा, 30 दिन में मिली भवन निर्माण अनुमति

बैठक में जानकारी दी गई कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस वर्ष व्यापार अनुज्ञप्ति आवेदन के 1,349 आवेदन-पत्रों में एक हफ्ते में कार्यवाही की गई। औद्योगिक परियोजना के भवन निर्माण की अनुमति के 54 आवेदनों को 30 दिवस में मंजूरी मिल गई। इसी तरह विकास आयोजना अनुमोदन के 9 आवेदन, अग्नि सुरक्षा अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के 550 आवेदनों पर निर्धारित समय में अनुमति दी गई।

सवा लाख व्यवसायों के लिए मिली एक दिन में अनुमति

ऊर्जा विभाग ने नवीन उच्च दाब विद्युत संयोजन अनुमति के 207 प्रकरणों में 7 दिवस में, डीजल जनरेटर सेट स्थापना की अनुमति देने के 23 प्रकरणों में 7 दिवस में और रूफ टॉप से ग्रिड संयोजन अनुमति के 1596 प्रकरणों में 15 दिवस में अनुमति प्रदान की। श्रम विभाग ने शॉप्स एंड इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में 1 लाख 23 हजार 210 आवेदनों पर एक ही दिन में पंजीयन की कार्यवाही सम्पन्न की है। कारखाना अनुज्ञप्ति के 375 और कारखाना योजना एवं अभिन्यास अनुमोदन के 375 आवेदनों में एक दिन में स्वीकृति प्रदान की गई। भवन एवं अन्य निर्माण कार्य के लिए श्रमिकों को नियोजित करने वाले संस्थान के पंजीयन के 392 प्रकरणों में भी एक दिन में निराकरण की कार्यवाही की गई। खाद्य विभाग द्वारा नापतौल के आयात एवं पैक करने संबंधी पंजीयन के 220 आवेदनों का निराकरण एक सप्ताह में किया गया। इसी तरह नाप तौल के उपकरणों के निर्माण की अनुज्ञप्ति के 10 मामले निर्धारित अवधि 45 दिन में स्वीकृत किए गए।

एक माह में निपटे औद्योगिक भूमि में व्यपवर्तन के 31 हजार से अधिक प्रकरण

वाणिज्यिक कर विभाग ने 24 हजार 246 प्रोफेशनल टैक्स पंजीकरण के आवेदन एक दिन में निराकृत किए हैं। राजस्व विभाग ने भी अनियोजित क्षेत्र में कृषि भूमि के औद्योगिक भूमि में व्यपवर्तन के 31 हजार 580 प्रकरणों में 30 दिन में कार्यवाही सम्पन्न की है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग ने भू-आवंटन के लिए 1182 आशय-पत्र सात दिवस और भूमि आवंटन आदेश जारी करने के 445 प्रकरणों में निर्धारित 4 दिवस में कार्यवाही सम्पन्न की। इसी तरह बायलर पंजीयन, बायलर स्थानांतरण, बायलर विर्निमाण की अनुमति के 10 प्रकरणों में एक माह के भीतर कार्यवाही की गई। पर्यावरण विभाग द्वारा 45 दिन में औद्योगिक परियोजना की स्थापना के 2,407 प्रकरणों में आवश्यक अनुमति प्रदान की गई। पंयायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने औद्योगिक परियोजना के निर्माण के लिए भवन निर्माण अनुमति के 130 मामले निर्धारित 45 दिवस में निराकृत किए हैं।

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