- February 7, 2015
निवेशकों की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए राज्य सरकार कृत-संकल्पित
मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक निवेशकों की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए राज्य सरकार कृत-संकल्पित है। नगरीय विकास सहित अन्य संबंधित विभागों द्वारा निवेशकों की सुविधाओं की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। यह जानकारी प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण श्री एस.एन.मिश्रा ने आज पर्यावरणीय अध्ययन संस्थान में एक कार्यशाला में दी। नगरीय निकायों, विकास प्राधिकरणों तथा नगर एवं ग्राम निवेश की योजनाओं के क्रियान्वयन, विभिन्न स्तरों पर आवश्यक अनुमतियों में हो रहे विलंब, कठिनाइयों के युक्तियुक्तकरण तथा सरलीकरण के उपायों पर चर्चा एवं सुझाव लेने के लिए यह कार्यशाला की गई। श्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति को समृद्ध और विकसित करने केलिए निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के िलए आमंत्रित किया जा रहा है। राज्य शासन इस बात पर विशेष ध्यान दे रहा है कि उद्योग लगाने के इच्छुक व्यक्ति सहजता से अपने उद्योग स्थापित कर सके। निवेशकों से संबंधित तथा ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के संबंध में 98 मुद्दों पर राष्ट्रीय सहमति बनी है। इनमें से कई मुददों पर मध्यप्रदेश ने पूर्व से ही कार्यवाही कर ली है। कुछ मुद्दों पर आंशिक कार्यवाही की गई है। राज्य शासन ने 98 मुद्दों का पुन: परीक्षण कर उन्हें विभागवार बाँटा है। नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा 6 विषय के 32 मुद्दों को चिन्हांकित कर उनमें कतिपय संशोधन प्रस्तावित किये गये हैं। श्री मिश्रा ने बताया कि 32 मुद्दों एवं प्रस्तावित संशोधनों पर विस्तृत चर्चा और स्टेक होल्डर्स से प्राप्त सुझावों को शामिल कर अधिनियम/नियम एवं प्रकिया में जरूरी बदलाव किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया संबंधी नियमों में बदलाव होने पर उनकी जानकारी निवेशकों को होनी चाहिए। श्री मिश्रा ने बताया कि सभी अनुमतियों को एक ही प्लेटफार्म पर लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही ऐसे प्रयास भी है कि सभी संबंधित एजेंसी एक साथ निरीक्षण करे। आयुक्त नगर तथा ग्राम निवेश श्री गुलशन बामरा ने निवेशकों को निर्धारित समय-सीमा में दी जाने वाली अनुमतियों की जानकारी देते हुए विशेषज्ञों से सुझाव मांगें। उन्होंने भूमि के ले-आउट और बिल्डिंग परमिशन संबंधी निर्धारित प्रक्रिया से भी अवगत करवाया। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एन.पी.शुक्ला ने पर्यावरण संबंधी गाइड-लाईन की जानकारी दी। आयुक्त नगरीय विकास श्री संजय शुक्ल ने निर्माण संबंधी अनुमति, अधोसंरचना संबंधी प्रक्रिया तथा फायनेंस एवं टेक्स की जानकारी दी। कार्यशाला में संबंधित विषय-विशेषज्ञ, वास्तुविद, नियोजकों के अलावा नगर और ग्राम निवेश, विकास प्राधिकरण, नगर-निगमों के अधिकारी तथा बिल्डर्स एवं कॉलोनाइजर्स ने भाग लिया। |
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प्रलय श्रीवास्तव |