• December 13, 2019

निर्भया फंड का 1 भी रूपए का उपयोग नहीं

निर्भया फंड का 1 भी रूपए का उपयोग नहीं

पटना—- बिहार को निर्भया फंड (Nirbhaya Fund) के रूप में मिलने वाली कई मद की राशि में एक रुपए तक खर्च नहीं हुआ है. महिलाओं पर लगातार हो रहे अत्याचार के बीच यह आंकड़ा सचमुच चौंकाने वाला है.

दिल्ली की घटना के बाद बना था फंड

निर्भया फंड ऐसा फंड है जो निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार ने बनाया था. इसके तहत महिलाओं की सुरक्षा, पीड़ितों को सहायता के लिए हर राज्य को राशि दी जाती है.

2015 से लेकर अब तक बिहार को भी इस मद में करोड़ों रुपए दिए गए हैं पर चौंकाने वाला तथ्य यह है कि सरकार ने इस फंड के कई मद का 1 रुपया तक खर्च नहीं किया.

इमरजेंसी रेसपॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS)

निर्भया फंड के तहत इमरजेंसी रेस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम के लिए बिहार को 2016-17 में 12 करोड़ 29 लाख रुपए मिले. चौंकाने वाली बात यह है की इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम को तैयार करने के लिए मिले राशि का ₹1 भी सरकार ने अब तक खर्च नहीं किया है.

साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट वीमेन एन्ड चिल्ड्रन (CCPWC)
महिलाओं और बच्चों को साइबर क्राइम से बचाने और सावधान करने के लिए केंद्र ने बिहार सरकार को 2017-18 में 2 करोड़ 47 लाख रुपये दिए पर आजतक एक पैसा भी खर्च नहीं किया जबकि केंद्र ने 2019-20 के लिए और 60 लाख रुपये की राशि बिहार सरकार को मुहैया करा दी है.

वन स्टॉप सेंटर स्कीम

महिलाओं और बच्चो के विकास के लिए वन स्टॉप सेंटर का निर्माण किया गया था. इस सेंटर का मुख्य उद्देश्य यह था कि एक ही सेंटर के तहत महिलाओं के सभी समस्याओं का निदान मिल सके.

केंद्र ने बिहार को 2014-15 में 13 लाख,

2015-16 में 1 करोड़ 98 लाख, 2017-18 में 3 करोड़ 8 लाख और 2018-19 में 3 करोड़ 90 लाख रुपये दिए पर चौंकाने वाली बात यह है कि इस मद की राशि में भी एक रुपया खर्च नही हुआ.

मालूम हो कि यह फंड 2012 में शुरू किया गया था.

सेंट्रल विक्टिम कंपनसेशन फंड (CVCF)

2016-17 में बिहार को 7 करोड़ 22 लाख रुपए की राशि मिली और सरकार ने अबतक 6 करोड़ 97 लाख राशि पीड़ित महिलाओं के बीच बांटी गई है।

Related post

चुनाव परिणाम : सत्ता पक्ष को फिर मिला जनादेश

चुनाव परिणाम : सत्ता पक्ष को फिर मिला जनादेश

सुरेश हिंदुस्तानी– देश के दो राज्यों के साथ कुछ राज्यों के उपचुनाव के परिणाम ने सत्ता…
सामाजिक न्याय की योद्धा अनुप्रिया

सामाजिक न्याय की योद्धा अनुप्रिया

अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)———-  कुछ सवाल एक नहीं, अनेक बार उठते रहे हैं, जैसे स्वतंत्रता के…
कैदी की पैरोल अर्जी खारिज करने के लिए  जेलर पर 25,000 रुपये का जुर्माना

कैदी की पैरोल अर्जी खारिज करने के लिए जेलर पर 25,000 रुपये का जुर्माना

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नासिक जेल के जेलर पर कानून का उल्लंघन करते हुए और ऐसा करने…

Leave a Reply