निःशक्तजन कल्याण:दृष्टिहीनों के लिए मदरसा इंस्टीट्यूट- सुश्री राबिया खान

निःशक्तजन कल्याण:दृष्टिहीनों के लिए मदरसा इंस्टीट्यूट- सुश्री राबिया खान

अंतर्राष्ट्रीय विकलांग व्यक्ति दिवस के अवसर पर वर्ष 2014 के लिए केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा निःशक्तजन सशक्तीकरण कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आज राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा प्रदेश के अधिकारियों को विभिन्न वर्ग में पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावरचन्द गहलोत और राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मध्यप्रदेश को निःशक्तजन सशक्तीकरण कार्यों के लिए चार पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विकलांग व्यक्तियों के लिए बाधा-मुक्त वातावरण बनाने के उत्कृष्ट कार्यों के लिए कलेक्टर ग्वालियर श्री पी. नरहरि को सम्मानित किया गया। श्री नरहरि ने कलेक्ट्रेट में बाधा-मुक्त वातावरण पैदा किया, जिससे 10 से 15 हजार व्यक्ति को लाभ पहुँचा। पुनर्वास सेवाएँ उपलब्ध करवाने में श्रेष्ठ जिला इंदौर घोषित किया गया। यह पुरस्कार इंदौर के कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने ग्रहण कियाजिले में इंदिरा आवास योजना में 23 विकलांग व्यक्ति को आवास मुहैया करवाये गये तथा विकलांगों के लिए सकारात्मक कार्य कर उनको मुख्यधारा से जोड़ा गया।

भोपाल जिले के डॉ. रोहित त्रिवेदी को दृष्टिहीनता/अल्प-दृष्टि (पुरुष) के लिए जागरूकता, शिक्षा और पुनर्वास कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इसी प्रकार इंदौर की सुश्री राबिया खान को दृष्टिहीनता/अल्प दृष्टि (महिला) राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सुश्री राबिया खान ने विश्व का पाँचवां और भारत का पहला ब्रेल स्क्रिप्ट अरबी केन्द्र वर्ष 2011 में इंदौर में स्थापित किया। उन्होंने दृष्टिहीनों के लिए मदरसा इंस्टीट्यूट की भी स्थापना की।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर मध्यप्रदेश में निःशक्तजन कल्याण और पुनर्वास के लिए सुनियोजित प्रयास हुए हैं। निःशक्तजन सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे संकल्पित प्रयासों से उनके जीवन में बदलाव आया है। वे समाज के सभी वर्ग के साथ सफलता से आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश में स्पर्श अभियान के तहत 8.10 लाख निःशक्तजन को जोड़ा गया है। निःशक्तजन कल्याण के लिए प्रदेश में 1191 विशेष शिविर लगाये गये। शिविर में 6 लाख 46 हजार 890 व्यक्ति को प्रमाण-पत्र एवं 68 हजार 182 को कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण दिये गये। प्रदेश में 3705 निःशक्तजन के जीवन को शल्य चिकित्सा के जरिये सहज बनाया गया है।

प्रलय श्रीवास्तव

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