नामचीन स्कूलों द्वारा यातायात नियमों की धज्जियां—-डॉ.सच्चिदानंद यादव

नामचीन स्कूलों द्वारा यातायात नियमों की धज्जियां—-डॉ.सच्चिदानंद यादव

फिरोजाबाद/शिकोहाबाद (विकासपालिवाल)——-गली-मुहल्ले में खुले प्राइवेट स्कूलों को तो छोड़ दीजिए, बल्कि नामचीन स्कूलों के वाहन भी यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून का मखौल उड़ाया जा रहा है। इन कान्वेंट स्कूलों के वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर ले जाया जाता है।

एटा में हुए हादसे के बाद में स्कूली वाहनों को लेकर प्रशासन पिछले सत्र में संजीदा हुआ था। कोर्ट की गाइड लाइन फाइलों में से बाहर निकल आई थी। स्कूली वाहनों की तरफ से आंखें मूंदे रहने वाले शिक्षाधिकारी भी सड़कों पर नजर आए थे, लेकिन फिर से जुलाई से नया सत्र शुरू होने के बाद एक बार फिर वही हाल है। न तो परिवहन विभाग के अधिकारियों को सुरक्षा की फिक्र है न ही विभागीय अधिकारी नौनिहालों को लेकर चिंतित।

स्कूली वाहनों ने फिर से पुराना ढर्रा अपना रखा है। इसके चलते बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर अभिभावकों में भी गुस्सा है। फिरोजाबाद ही नहीं शिकोहाबाद, सिरसागंज आदि स्थानों पर भी सुबह व दोपहर में स्कूल के छोटे वाहनों में बच्चों को भरे हुए देखा जा सकता है। कुछ फाईदे के लिए स्कूल संचालक अपनी आँखें मूंदे बैठे हुए है। प्रशासन को फिर से सख्ती दिखाने के लिए ए०सी० के कमरों से बाहर निकलना होगा।


स्कूली वाहनों के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन है। इसके अनुरूप ही वाहनों का संचालन किया जाएगा। बुधवार से हम खुद इसकी जांच कराएंगे। स्कूलों से स्कूली वाहनों का ब्यौरा भी तलब किया जाएगा। जिन स्कूलों के वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे मिलेंगे, उन स्कूलों को नोटिस भेज कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ.सच्चिदानंद यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी फिरोजाबाद

Related post

धार्मिक समाज सुधारकों की परंपरा को बचाने की लड़ाई

धार्मिक समाज सुधारकों की परंपरा को बचाने की लड़ाई

एड. संजय पांडे — शिवगिरी मठ सभी दलों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है। वार्षिक…
हिमालय की तलहटी में  6.8 तीव्रता का भूकंप,95 लोग मारे गए,नेपाल, भूटान और भारत में भी इमारतों को हिला दिया

हिमालय की तलहटी में  6.8 तीव्रता का भूकंप,95 लोग मारे गए,नेपाल, भूटान और भारत में भी…

बीजिंग/काठमांडू 7 जनवरी (रायटर) – चीनी अधिकारियों ने कहा  तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से…
1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति : सर्वोच्च न्यायालय

1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति…

सर्वोच्च न्यायालय ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई…

Leave a Reply