• July 27, 2019

नाबार्ड की सहायता से 50 हजार सौर-पंप किसानों तथा गौशालाओं देने की योजना –ऊर्जा व जनस्वास्थ्य मंत्री डॉ. बनवारी लाल

नाबार्ड की सहायता से 50 हजार सौर-पंप किसानों तथा गौशालाओं देने की योजना –ऊर्जा व जनस्वास्थ्य मंत्री डॉ. बनवारी लाल

चंडीगढ़—— हरियाणा के नवीन एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा व जनस्वास्थ्य मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि प्रदेश में एक विशेष योजना के तहत नाबार्ड की सहायता से 50 हजार सौर-पंप किसानों तथा गौशालाओं को दिए जाएंगे। इस योजना पर लगभग 1696 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

डॉ. बनवारी लाल आज महेंद्रगढ़ जिला के गांव कादीपुर में मनोहर ज्योति गृह प्रकाश प्रणाली के प्रदेश स्तरीय लोकार्पण व वितरण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर डॉ. बनवारी लाल ने गांव कादीपुरी में पार्क के लिए 21 लाख व विधायक श्री ओमप्रकाश यादव ने गांव के विकास के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की।

समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन सोलर पंपों की स्थापना होने पर लगभग 238 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा। इससे न केवल पंप चलाने में प्रयोग होने वाले डीजल की बचत होगी बल्कि डीजल पंप से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम भी होगी।

उन्होंने कहा कि सबसे सस्ती ऊर्जा प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार द्वारा राज्य में लगभग 413 मेगावाट क्षमता की एक सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हंै। राज्य सरकार ने 672 मेगा वॉट की सोलर परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है जिसे इसी वर्ष पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में प्रदान की जा रही बिजली की सब्सिडी को कम करने के उद्देश्य से करनाल व यमुनानगर जिले में एक-एक पायलट प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई है। इस योजना के तहत 11 कृषि फीडर का चयन किया गया है जिसमें वर्तमान में कुल 468 बिजली आधारित ट्यूबवेलों को ऊर्जा आधारित ट्यूबवेलों में परिवर्तित किया जाएगा। इन सौर ऊर्जा आधारित टयूबवेलों से जो अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा उससे किसानों को दिया जाएगा। इस योजना पर लगभग 26 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां कृषि-कचरे से स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन की बहुत संभावनाएं हैं। खेतों में पराली जलाने से बहुत अधिक प्रदूषण होता है जिससे निपटने के लिए सरकार द्वारा लगभग 50 मेगावाट बिजली उत्पादन की योजना लागू की जा रही है। इसके तहत कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद एवं फतेहाबाद जिलों में ऐसी परियोजनाएं स्थापित की जा रही है जिससे किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान होगी।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हरियाणा सरकार राज्य में कृषि आधारित बायो एथोनॉल एवं बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है। इसके लिए इंडियन ऑयल से समझौता किया है। राज्य में अब तक 14 ऐसी परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए इंडियन आयल द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी हैं। सरकार के इस कदम से पर्यावरण की समस्या से निबटने के साथ-साथ किसानों को लाभ पहुंचेगा।

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