नागरिकों की खुशियाली कल्याणकारी राज्य का सर्वप्रथम उद्देश्य – राष्ट्रपति

नागरिकों की खुशियाली कल्याणकारी राज्य का सर्वप्रथम उद्देश्य  – राष्ट्रपति
राष्ट्रपति सचिवालय-  नई दिल्ली  – राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज बंगलूरू में मुख्य अतिथि के रूप में कर्नाटक सरकार के एक मोबाइल गवर्नेंस एप्लीकेशन-‘मोबाइल वन’ के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि नागरिकों की खुशियाली किसी कल्याणकारी राज्य का सर्वप्रथम उद्देश्य है। यह ऐसा मुख्य आधार है जिसपर अन्य लक्ष्य निर्भर हैं।
इस पूरा करने के लिए एक ऐसे सुशासन की मांग होती है जिसके साथ कानून के शासन पर आधारित तथ्य जुड़े हैं, विशेषकर निर्णय प्रक्रिया, समानता, समावेशी, जवाबदेही, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व इसमें शामिल हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों की सफलता का मुख्य मानक लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है। सुशासन के संदर्भ में इसका अर्थ प्रभावकारी वितरण प्रणाली उपलब्ध कराना है।

राष्ट्रपति ने कहा कि नागरिकों की जरूरतों को पूरा करना एक ऐसी चुनौती है जिससे निपटना हमारे देश के लोकप्रशासन का काम है। सार्वजनिक संस्थाओं की क्षमता वितरण प्रणाली और नियमों के संस्थागत कार्यक्रम, नियमनों और प्रक्रियाओं पर निर्भर है, जिसे बदलते समय के अनुसार निरंतर तैयार करना होगा। एक ओर सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने और सेवा के वितरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए संगठनात्मक क्षमता की जरूरत है, वहीं दूसरी ओर पारदर्शिता और उत्तरदायित्व में सुधार लाना भी आवश्यक है।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि इस वर्ष अगस्त में शुरू किए गए ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम का लक्ष्य डिजिटल तौर पर सक्षम और अक्षम के बीच के अंतर को पाट कर एक डिजिटल तौर पर सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का सृजन करना है। सरकारी सेवाओं की सही समय पर मोबाइल प्लेटफार्मों से उपलब्धता इस कार्यक्रम के घटकों में से एक है। इस संदर्भ में ‘कर्नाटक मोबाइल वन’ एक काफी दूरदर्शितापूर्ण प्रयास है।

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