• December 12, 2015

नागपुर में एग्रो विजन 2015 सम्मेलन : क्रॉपिंग पैटर्न में बदलाव समय की जरूरत – मुख्यमंत्री

नागपुर में एग्रो विजन 2015 सम्मेलन : क्रॉपिंग पैटर्न में बदलाव समय की जरूरत – मुख्यमंत्री

जयपुर -मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि खेती को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को क्रॉपिंग पैटर्न बदलना चाहिए। साथ ही, नई तकनीक और नवाचार अपनाते हुए जैविक खेती पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष राजस्थान में एग्रोटेक सम्मेलन आयोजित किया जायेगा।
श्रीमती राजे शुक्रवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 7वें एग्रो विजन सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि क्रॉपिंग पैटर्न बदल कर नई फसलों के उत्पादन से ही किसान को पैदावार का उचित मूल्य मिल सकेगा और वह कर्ज और गरीबी के दुष्चक्र से निकल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने एग्रो विजन सम्मेलन में आए निवेशकों को राजस्थान आने का निमत्रंण देते हुए कहा कि देश का सबसे बड़ा प्रदेश तिलहन, मसाले, अनाज, कपास और दूध उत्पादन में अग्रणी है, इसलिए यहां वेयर हाउस, कोल्ड चेन, लॉजिस्टिक आदि आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के अवसर मौजूद हैं।
श्रीमती राजे ने कृषि उत्पादों की शेल्फ-लाइफ इम्प्रूवमेन्ट के लिए न्यूकलियर टेक्नोलॉजी के उपयोग की संभावनाओं पर शोध करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बागवानी और कृषि उत्पादों के परिवहन और भण्डारण में नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में खेती को रासायनिक खादों और कीटनाशकों से बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बाजार में जैविक कृषि उत्पादों की भारी मांग है। किसानों को अधिक से अधिक जैविक खाद, नीम से बने उर्वरकों और गौमूत्र के उपयोग से बने कीटनाशकों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई प्रगतिशील किसानों ने राजस्थान में जैविक खेती के नवाचार शुरू किए हैं और राज्य सरकार ने कृषि उत्पादों के ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन को स्थानीय मराठी भाषा में भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस की तारीफ करते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि उनका जल संरक्षण का अभियान महाराष्ट्र की खेती में दूरगामी परिणाम देगा। उन्होंने कहा कि इन जल शिविरों की चर्चा नीति आयोग की बैठक में भी हुई। जल संरक्षण के इन प्रयासों से प्रभावित होकर उनकी सरकार भी महाराष्ट्र की तर्ज पर 26 जनवरी से राजस्थान में छ: माह का जल शिविर अभियान शुरू करेंगी।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी से कहा कि एक समय नागपुर का संतरा देश में प्रसिद्घ था। लेकिन अब झालावाड़ के संतरे की भी पूरे देश में मांग है। उन्होंने कहा कि इजराइल के तकनीकी सहयोग से झालावाड के किसानों ने संतरे की जो किस्म विकसित की है, उसे हम नागपुर के किसानों को भी दे सकते हैं।
केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के विजन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जैतून की खेती के नवाचार से राजस्थान ने एक नया मुकाम बनाया है। सरकारों के सहयोग से ऐसे प्रयोग किसानों के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी क्रॉपिंग पैटर्न बदलने और अन्तराष्ट्रीय कृषि पद्घति अपनाने की सलाह दी। उन्होंने जैतून की खेती के नवाचार का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे राजस्थान को लाभ होगा और महाराष्ट्र से एक टीम इसके अध्ययन के लिए जल्द ही वहां जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी को राजस्थान के किसानों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो विपरीत परिस्थितियों में भी हताश नहीं होते।
इस अवसर पर राजस्थान के कृषि मंत्री श्री प्रभूलाल सैनी, केन्द्रीय मंत्री, कई राज्यों के कृषि मंत्री, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और विधायक, कृषि आधारित व्यवसायों से जुड़े उद्यमी तथा बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।

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