- August 27, 2015
नर्सिंग मिडवाइफ्री संकाय को प्रसूता व नवजात के स्वास्थ्य हेतु प्रायोगिक प्रशिक्षण
जयपुर -प्रदेश में मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर में प्रभावी तरीके से कमी लाने के लिए किये जा रहे दूरगामी प्रयासों के तहत राज्य स्तर पर जपाइगो के सहयोग से बुधवार को होटल रॉयल ओरचिड में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बीकानेर, जयपुर एवं कोटा संभाग के राजकीय एएनएम/व जीएनएम प्रशिक्षण संस्थानो एवं स्टेट नोडल सेन्टर कोटा के सभी नर्सिंग मिडवाइफ्री संकाय को प्रसूता व नवजात के स्वास्थ्य पर प्रायोगिक प्रशिक्षण व प्रत्येक प्रशिक्षण संस्थान हेतु एक-एक मॉडल सेट भी दिया गया।
मिशन निदेशक, एनएचएम श्री नवीन जैन ने प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए बताया कि विद्यार्थियों में ज्ञान, कौशलता एवं व्यवहार में कुशलता लाने के लिए एएनएम व जीएनएम प्रशिक्षण केन्द्रों पर समुचित प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुशल एएनएम व जीएनएम प्रशिक्षणार्थी भविष्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने में सक्षम हो सकते हैं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण गुणवत्ता पर विशेष महत्व दिया जा रहा है।
श्री जैन ने बताया कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधार हेतु राज्य स्तर पर जिलों के प्रशिक्षण केन्द्रों से 10 प्रिन्सिपल एवं राज्य इकाई के सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा विद्यार्थियों के लिए विशेष अध्ययन के प्रायोगिक व सैद्घान्तिक बिन्दुओं पर पीपीटी व वीडियो बनाने के साथ ही पठन सामग्री सरल भाषा में तैयार कर सभी 48 प्रशिक्षण केन्द्रों पर उपलब्ध करायी जायेगी। यह सामग्री एक इलैक्ट्रोनिक लाइब्रेरी के रूप में विकसित की जायेगी।
निदेशक आरसीएच डॉ.वी.के.माथुर ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरूवार को शेष 4 संभाग अजमेर, भरतपुर, जोधपुर एवं उदयपुर के प्रशिक्षण केन्द्रों के सभी नर्सिंग मिडवाइफ्री संकाय को प्रशिक्षित किया जायेगा।
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