- July 18, 2016
नदी किनारे पेट्रोलिंग जारी: गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 80 से0मी0 नीचे
देहरादून (बी.पी. घिल्डियाल, उपनिदेशक)——————–हरिद्वार जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 80 से0मी0 नीचे है। उत्तराखण्ड शासन द्वारा लगातार जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ चैकियां सक्रिय की गयी है। नदी के डाउनस्ट्रीम में नदी किनारे पेट्रोलिंग की जा रही है। क्षेत्र में 6 जल पुलिस टीमे, 5 मोटर बोट/राफ्ट सहित उपलब्ध है।
मुख्यमत्री हरीश रावत प्रदेश में आपदा नियंत्रण के लिये संचालित राहत कार्यो का निरीक्षण करने के लिये राज्य आपातकालिन परिचालन केन्द्र सचिवालय पहुंचे। वहां उन्होने समस्त जिला अधिकारियों से प्रत्येक जनपद की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। रूड़की के पास दो गांवो मोहनपुरा तथा गोलभट्टा मे हुए जलभराव की जानकारी संयुक्त मजिस्टेªट रुडकी से प्राप्त की तथा जल भराव से प्रभावित परिवारो के आवास एवं भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये तथा पानी की निकासी तीव्र गति से करने के निर्देश दिये।
राज्य आपदा प्रबंधन केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 जुलाई तक लोक निर्माण विभाग के अधीन पी0एम0जी0एस0वाई0 सहित कुल 237 मार्ग बाधित थे, किन्तु विगत रात्रि को हुयी भारी वर्षा से 256 सडकें और बंद हुयी, इसमें से 51 सड़के खोल दी गयी है तथा 442 सड़कों को खोलने का कार्य प्रगति पर है। इनमें से अधिकांश 381 सड़के ग्रामीण क्षेत्र की हैं। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राज मार्ग (एनएच -108) तथा ऋषिकेश यमुनोत्री राष्ट्रीय राज मार्ग (एनएच-94) जानकी चटटी तक यातायात हेतु खुला है।
ऋषिकेश-केदारनाथ राष्ट्रीय राज्य मार्ग (एनएच-109) सोनप्रयाग गौरीकुण्ड के मध्य पार्किग व मुनकुठिया के पास तथा ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग (एनएच-58) लामबगड व कंचनगंगा के पास यातायात हेतु अवरुद्व है, खोलने की कार्यवाही गतिमान है। मार्गो की अद्यतन सूचना चूकण्नाण्हवअण्पद पर उपलब्ध है। लोक निर्माण विभाग द्वारा आपदा से प्रभावित अब तक कुल 1155 सड़कों में से 1004 सड़को में यातायात चालू करा दिया गया है। शेष अधिकतर ग्रामीण सड़कों में कार्य तेजी से गतिमान है। लोनिवि द्वारा आपदा से प्रभावित सड़कों को पूर्व की स्थिति में लाने हेतु वर्तमान में रू.10572 लाख का प्रांक्कलन प्रस्तुत किया गया है।
भूस्खलन से प्रदेश में वर्तमान तक कुल 1185 ग्रामों/तोकों में विद्युत आपूर्ति बाधित हुयी थी, इसमें से 1184 ग्रामों तोकों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गयी है। शेष एक बचे कपकोट ब्लाॅक के लाठी ग्राम में कार्य प्रगति पर है। विद्युत विभाग द्वारा इन प्रभावित गांवों में विद्युत आपूर्ति सुचारू करने में रू. 167.28 लाख रूपये खर्च किए गए है।
विगत 1 जुलाई, 2016 को पिथौरागढ़ एवं अन्य जिलो में कुल 87 पेयजल योजनायें क्षतिग्रस्त हुयी थी, जिनमें पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गयी है। जल संस्थान द्वारा अतिवृष्टि से प्रभावित प्रदेश की कुल 559 योजनाओं में से 555 योजनाओं को अस्थायी रूप से चालू कर दिया गया है। संस्थान द्वारा इन योजनाओं को स्थायी रूप से बनाने हेतु 1289.68 लाख रूपये का प्रांक्कलन सचिव, आपदा को प्रस्तुत किया गया है। तथा इन क्षतिग्रस्त योजनाओं को अस्थायी रूप से बनाने के लिए 206.68 लाख रूपये का प्रांक्कलन प्रस्तुत किया गया है।
उत्तराखण्ड पेयजल निगम डीडीहाट द्वारा मानसून आपदा 2016 मंे क्षतिग्रस्त 76.00 लाख रूपये का प्रांक्कलन प्रस्तुत किया गया है। तथा 10 जनपदों में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त 250 योजनाओं में से 245 योजनाओं को अस्थायी रूप से चालू कर दिया गया है। तथा इन योजनाओं को स्थायी रूप से चालू करने के किए 11.919 करोड़ रूपये का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन को प्रस्तुत किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार कल सुबह तक हरिद्वार, देहरादून, उत्तरकाशी नैनीताल में भारी वर्षा की सम्भंावना व्यक्त की गयी है।