नक्सलवाद की समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिये भरपूर सहयोग करेगी:- केन्द्रीय गृह मंत्री

नक्सलवाद की समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिये भरपूर सहयोग करेगी:- केन्द्रीय गृह मंत्री

पटनाः-(बिहार) – पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 21वीं बैठक दिनांक 16 जनवरी, 2015 को पटना के मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। यह बैठक माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई,जिसमें बिहार के माननीय मुख्यमंत्रीश्री जीतन राम मांझी, माननीय मुख्यमंत्री, झारखंडश्री रघुवर दास, माननीय मंत्री, योजना पश्चिम बंगाल तथा माननीय मंत्री, शहरी विकास एवं आवासउड़ीसा ने भाग लिया ।

परिषद की पिछले वर्ष 2013 की बैठक में लिये गये निर्णयों की गहराईसे समीक्षा की गयी। बैठकमेंआंतरिक सुरक्षा के अतिरिक्त खाद्यान्नके आवंटन, स्वास्थ्य एवं महत्वपूर्ण कल्याणकारीे मुद्दों पर भी चर्चा की गयी। इस क्रम मेंपशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग केसुदृढ़ीकरण पर गहरायी से चर्चा की गयी।

माननीय गृह मंत्री द्वारा नक्सलवाद की समस्या पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को भरपूर सहयोग करने की बात कही गयी। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुशासनस्थापित करने केलिए संवेदनशील क्षेत्रों में दंडाधिकारी तथा पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की जानी चाहिए।

जहाॅ पर इस तरह की समस्या है, वहाॅ पर इनरर्जेटिक एवं डिवोटेड अधिकारियों को पोस्ट किया जाय। जिलों में तेजी से समावेशी विकास करने की आवश्यकता है ताकि इन क्षेत्रों को विकास का पूरा लाभ मिले और लोग दिग्भ्रमित करने वाले तत्वों के बहकावे में न आये। उल्लेखनीय है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम,1956 के तहत देश में पाँंच क्षेत्रीय परिषद की स्थापना की गयी है।

पूर्वी क्षेत्र की यह बैठक वर्तमान केन्द्र सरकार की पहली बैठक है। माननीय गृह मंत्री ने इस बैठक में महत्वपूर्ण बिन्दुओं को उठायाऔर अपेक्षा की कि इसपरिषद की स्थायी बैठक नियमित अंतराल पर होना चाहिए और केन्द्र तथा राज्य के मुद्दोंपर गहनचर्चा होकर निष्पादन कराना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि राज्य परिषद की बैठक 2013 के पूर्व 2006 मेंहुई थी। बैठक में माननीय मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी ने बिहार से संबंधित मुद्दों को उठाते हुए केन्द्र सरकारका ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने झारखंड सरकार से अंतर नदी मामलों केनिष्पादन में सहयोग करनेतथा पेंशन की देयता के लिए झारखंड सरकार से मिलने वालीराशि की चर्चा की।

बैठक में राज्य हित के मद्दों का सुगमतापूर्ण समाधान हेतु सामूहिक चर्चा की गयी तथा भविष्य में यह बैठक नियमित रूप से कराने के दिशा-निर्देश के साथ सम्पन्न हुई।

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply