- February 12, 2015
नई आई.टी. नीति और राईट-ऑफ-वे नीति :
मुख्यमंत्री ने आज मुम्बई में देश की प्रतिष्ठित आई.टी. कम्पनियों के सर्वोच्च संगठन नेस्कॉम (नेशनल एसोसिएशन ऑफ साफ्टवेयर सर्विसेस कम्पनी) की कार्य परिषद की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन इनमें अनेक नामी-गिरामी कम्पनियों के शीर्षस्थ संचालकों से अलग-अलग मुलाकात की। इनमें नेस्कॉम के अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर सहित टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेस (टी.सी.एस.) के प्रमुख श्री चंद्रशेखरन, टेली परफार्मेंस, महिन्द्रा ग्रुप, वोल्टाज और अन्य कई प्रसिद्ध कम्पनियों के शीर्ष अधिकारी शामिल थे।
मुख्यमंत्री से हुई चर्चा में इन सभी बड़े निवेशकों ने नया रायपुर में आई.टी. और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग लगाने में काफी दिलचस्पी दिखाई । नेस्कॉम के अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर ने इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ एम.ओ.यू. करने की भी मंशा प्रकट की। मुख्यमंत्री ने इस पर सहर्ष अपनी सहमति व्यक्त की और उन्हें भी नया रायपुर आने का न्यौता दिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने नया रायपुर में बी.पी.ओ. की स्थापना के बारे में भी निवेशकों से विचार-विमर्श किया।
डॉ. रमन सिंह ने अलग-अलग व्यक्तिगत मुलाकातों में उन्हें प्रदेश सरकार की नवीन आई.टी. नीति और राईट-ऑफ-वे नीति के बारे में भी बताया । उन्होंने कहा कि नया रायपुर भारत में 21वीं सदी का पहला ऐसा शहर होगा, जहां निवेशकों को पर्यावरण के अनुकूल हरित वातावरण भी मिलेगा। राज्य सरकार लगभग आठ हजार हेक्टेयर के विशाल रकबे में इसका निर्माण करवा रही है।
हमारे यहां आई.टी. सेक्टर में निवेश के इच्छुक उद्यमियों को राज्य सरकार के उपक्रम चिप्स के माध्यम से एक ही छत के नीचे अथवा एक ही सिंगल प्वाइंट कान्टेक्ट के जरिए हर प्रकार की सुविधाएं देने की व्यवस्था की गई है। नई दिल्ली और मुम्बई सहित देश के लगभग सभी महानगरों के साथ छत्तीसगढ़ से नियमित विमान सेवाएं और रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। नया रायपुर में ट्रिपल आई.टी. की शुरूआत बहुत जल्द होने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आई. टी. सेक्टर के इन बड़े निवेशकों को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्राम पंचायतों को भी ब्रॉड-बैण्ड कनेक्टिविटी देने के लिए अपनी राईट-ऑफ-वे नीति 2015 भी जारी कर दी है। इससे अब टेलीफोन और मोबाइल सेवा प्रदाताओं को राष्ट्रीय स्तर पर ऑप्टिकल फाईबर नेटवर्क बिछाने के लिए अलग-अलग विभागों से अनुमति लेने की लंबी प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा। इसके लिए राज्य सरकार का सूचना प्रौद्योगिकी विभाग नोडल विभाग होगा। प्रदेश में सस्ती दरों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए पर्याप्त बेंडविडथ प्रदान करने के लिए जरूरी अधोसंरचनाओं का भी विकास किया जा रहा है।