- October 7, 2015
धार्मिक स्थलों पर पशु बलि प्रथा रोकने के दिशा निर्देश :- उच्च न्यायालय बिलासपुर
बिलासपुर (छतीसगढ) – कार्यालय उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें कोण्डागांव द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित आदेश 08 सितम्बर 2014 के अनुपालन में पशुओं की बलि एवं अन्य सुसंगत बिन्दुओं पर राज्य स्तरीय नीति के संबंध में प्रस्ताव देने हेतु छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सचिव छत्तीसगढ़ शासन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय समिति का गठन कर माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशो के पालन में अपनी अनुशंसाए पशुधन विकास विभाग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थें।
सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त आदेश के पालन में सचिव छत्तीसगढ़ शासन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की अध्यक्षता में 15 जनवरी 2015 को सम्पन्न हुई बैठक में समिति द्वारा पशु बलि प्रथा को रोकने नीतिगत सुझाव दिए गए हैं।
सुझाव में जिला प्रशासन के माध्यम से जागरुकता रैली का आयोजन कक्षा पांचवी से आठवी तक पशु बलि प्रतिषेध पर शैक्षणिक पाठ्यक्रम में समावेश सामाजिक जनचेतना हेतु गैर शासकीय संस्थायें एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार, मंदिर प्रबंधन एवं धार्मिक ट्रस्टो को बलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाने जैसे सुझाव सम्मिलित हैं साथ ही मंदिर परिसर एवं सार्वजनिक स्थलों में होडिंग पोस्टर के माध्यम से जागरुकता, धार्मिक अवसर जैसे नवरात्रि इत्यादि पर्व में जन चेतना हेतु जुलुस निकालकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा।
माननीय उच्च न्यायालय द्वारा राज्य स्तरीय समिति द्वारा सुझाये गए बिन्दुओं को संज्ञान में लेते हुए राज्य शासनकृत कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। संभागायुक्तों को धार्मिक न्यास धर्मस्व विभाग द्वारा जारी अर्ध शासकीय पत्र में कहा गया है कि इस कुरीति के रोकथाम हेतु कि गई कार्यवाही के संबंध में शासन को 30 दिवस के भीतर में अवगत कराया जाये।
पशु बलि समाप्त करने के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन, जिले में लगने वाले प्रमुख मवेशी बाजार में लाउडस्पीकर, मुनादी तथा पोस्टन बैनर के माध्यम से व्यापक जन जागरुकता, ग्राम सभाओं पर इस विषय को अनिवार्यता शामिल कर जनचेतना लाई जायेगी। इसके अलावा विशेष देवी मंदिरो के परिसरों में बलि प्रतिषेध जैसे होडिंग एवं सूचना फलक लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं और इस संबंध में उल्लघंन होने पर दण्डात्मक कार्यवाही के प्रावधान सुनिश्चित किए गए हैं।
जिले की कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपुत तिवारी द्वारा उच्च न्यायालय और राज्य शासन के संदर्भ एवं निर्देश के परिपेक्ष्य में जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी (रा) तथा तहसीलदारों को पत्र प्रेषित कर निर्देशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करने को कहा गया हैं।