- September 8, 2016
देश सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं
नई दिल्ली :(जी न्यूज) वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि देश सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है और सरकार इन बैंकों को मजबूत बनाने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। जेटली ने यह भी कहा कि आईडीबीआई बैंक को छोड़कर बाकी सरकारी बैंकों का सार्वजनिक स्वरूप बना रहेगा।
वित्त मंत्री ने यहां इकॉनोमिस्ट इंडिया समिट में कहा, ‘हम कुछ बैंकों को पुनर्गठित करने का प्रयास कर रहे हैं क्यों कि ऐसा न होने पर उन्हें प्रतिस्पर्धा के माहौल में मुश्किल हो सकती है। एक मामले में हम सरकार की हिस्सेदारी घटकर 49 प्रतिशत करने के बारे में सोच रहे हैं वह आईडीबीआई बैंक है।’ जेटली ने कहा कि पुनर्गठित तरीके से वे संभवत: अपनी मौजूदा स्थिति में बने रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत को अब भी लगता है कि इन सरकारी बैंकों ने जो भूमिका निभाई है वह बहुत महत्वपूर्ण रही है।’ यह पूछने पर कि वित्तीय क्षेत्र में निजीकरण की कोई जगह क्यों नहीं है, उन्होंने कहा, ‘सुधारों के एक निश्चित स्तर पर पहुंचने के लिए आपको उस स्तर की सार्वजनिक सोच विकसित करनी होती है। भारत में प्रतिस्पर्धा के बावजूद सामाजिक क्षेत्र के वित्तपोषण के बड़े हिस्से में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भूमिका अपेक्षाकृत बहुत बड़ी है।’