- May 23, 2016
दृढ़ ईच्छा शक्ति से ही हर अभियान को सफल बनाया जा सकता है :- कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत
कोंडागांव ————–(छ०गढ) —————————दिनांक 21 मई 2016 को शिक्षा गुणवत्ता सुपोषण एवं स्वच्छ भारत मिशन पर नोडल अधिकारियों की कार्यशाला में उक्त बाते जिला कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने कही। वन विभाग के नीलामी कक्ष में हुई इस कार्यशाला में जिले के समस्त विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि शिक्षा गुणवत्ता, सुपोषण एवं खुले में शौच मुक्त ग्राम बनाने के लिए जिले के समस्त अधिकारी, कर्मचारियों को ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस परिप्रेक्ष्य में विभागीय अधिकारियों को उपरोक्त विषयांतर्गत प्रारुप दिया जायेगा। जिसमें प्रत्येक बिन्दु पर स्वंय के द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
इस प्रकार अब जिले के प्रत्येक हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल, ओडीएफ ग्राम, आंगनबाड़ी विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण के दायरे में होंगे। शिक्षा गुणवत्ता के तहत नोडल अधिकारी गोद लिए गए शालाओं में जाकर शिक्षको की उपस्थिति, अध्यापन गुणवत्ता, छात्रों की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति, अध्ययनरत छात्रों की संख्या, गृहकार्य मासिक/तिमाही/छमाही परीक्षा के परिणाम, शाला भवन में पेयजल, शौचालय की स्थिति अध्ययन सामग्री की उपलब्धता, पाठ्यक्रम विभाजन की मानिटरिंग करने के साथ-साथ गुणात्मक सुधार के लिए अपनी सुझाव देंगे।
इसी प्रकार नोडल अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी में गुणवत्ता सुधार के तहत आंगनबाड़ी भवनों का निरीक्षण करेंगे और ‘‘द्वार-जोहार‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी न आने वाले बच्चों के घरों में जाकर उनके पालको से सीधे संवाद के अंतर्गत बच्चों को आंगनबाड़ी में भेजने के लिए प्रेरित करेंगे।
इस संबंध में कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण मुक्ति अभियान केवल एक विभाग की जिम्मेवारी नहीं है बल्कि सभी विभागों को समन्वित प्रयास करना होगा तब ही कोण्डागांव जिले में कुपोषण का प्रतिशत घटाया जा सकता है। कुपोषण मुक्ति के तहत महतारी जतन योजना, एवं अमृत योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि महतारी जतन योजना के तहत अब गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रो में गर्म पोष्टिक भोजन एवं मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत केन्द्रो में हर बच्चों को सुगन्धित मीठा दूध दिया जायेगा। युद्ध स्तर पर चलाये जा रहे इस अभियान से कुपोषण मुक्ति हेतु सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
स्वच्छ भारत मिशन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संपूर्ण जिले में चलाये जा रहे इस अभियान को समुदाय आधारित किए जाने पर निश्चित रुप से ग्रामीणों में जागरुकता आई है। जिला प्रशासन ने अपने अथक प्रयासों से जिले के चुनिन्दा ग्रामों को खुले में शौच मुक्त ग्राम घोषित किया गया है, चुंकि अभी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। अतः अधिकारियों को पुनः एक जुट होकर इस अभियान में जोड़ा जायेगा।
ग्रामीणों में व्यवहार परिवर्तन करना ही आंदोलन का मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ ही हर नोडल अधिकारी ग्रामीणों को मुनगे का पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करेगा क्योंकि बहुपयोगी मुनगा का पेड़ पर्यावरण के साथ-साथ आयरन एवं विभिन्न विटामिनों को अच्छा स्त्रोत है। इसके अलावा जिला पंचायत सीईओ अभिजीत सिंह एवं सेवानिवृत्त प्राचार्य सुरेन्द्र रावल ने भी उपरोक्त विषयों से संबंधित अपने विचार कार्यशाला में रखे।
इस अवसर पर वनमण्डलाधिकारी एस.जगदीशन, के.आर.उईके, अपर कलेक्टर निर्मल तिग्गा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभिजीत सिंह, संयुक्त कलेक्टर लीना कोसम, बी.आर.नगारची, अनुविभागीय अधिकारी (रा.) राजेश पात्रे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पी.एल.रामटेके, शिक्षा अधिकारी डी सुमैया, उप संचालक समाज कल्याण तिलकेश भावे, पीएमआरडीएफ जिब्बी मैथ्यु, जिला कार्यक्रम अधिकारी मुक्तानंद खुटे, रविकांत ध्रुवे सहित अन्य अधिकारी,कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मधु तिवारी ने किया।