- January 21, 2015
दीनदयाल अंत्योदय योजना :: शहरी क्षेत्रों में कौशल विकास पर एमआईएस की नजर -श्री एम. वेंकैया नायडू
एमआईएस के जरिये दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई) के सात अवयवों के तहत होने वाली प्रगति पर वास्तविक समय में नियमित रूप से नजर रखी जा सकती है। कौशल प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट के जरिये रोजगार, स्व-रोजगार समूह, शहरी बेघरों के लिए आश्रय और शहरी वेंडरों को सहायता इन अवयवों में शामिल हैं। इससे राज्यों द्वारा मासिक प्रगति रिपोर्ट पेश करने की मौजूदा व्यवस्था की खामियों को भी दूर किया जायेगा। बेहद ज्यादा समय लगना, लाभार्थियों से जुड़े ब्यौरे का उपलब्ध न होना, महज कुछ पैमानों पर उपलब्ध जानकारी के चलते आगे विश्लेषण करने की सीमित गुंजाइश होना इत्यादि इन खामियों में शामिल हैं।
प्रशिक्षण प्रदान करने वालों, बैंकों, प्रमाणन एजेंसियों इत्यादि द्वारा सीधे तौर पर आवश्यक सूचनाएं मुहैया कराने में भी एमआईएस मदद करती है, जिसे शहरी स्थानीय निकायों, राज्यों और आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन (एचयूपीए) मंत्रालय द्वारा हासिल किया जा सकता है। इससे उन्हें मॉनीटरिंग करने में आसानी होगी।
श्री वेंकैया नायडू ने एमआईएस की शुरुआत होने का स्वागत करते हुए मंत्रालय के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में कौशल विकास एवं आजीविका के अवसर बढ़ाये जायें, जिसके लिए राज्य अपने प्रयासों में तेजी लाएं।
सचिव (एचयूपीए) श्रीमती अनिता अग्निहोत्री, संयुक्त सचिव (शहरी गरीबी उन्मूलन) श्री बी. के. अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।