- September 26, 2016
दीक्षांत समारोह- 5 स्वर्ण पदक एवं 178 को डिग्रियां
जयपुर-राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय से दीक्षा प्राप्त कर सभी विद्यार्थी शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने और विकास में बाधक बंधनों से समाज को मुक्ति दिलाने के लिए कार्य करें।
राज्यपाल रविवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में आयोजित कृषि विश्वविद्यालय कोटा के प्रथम दीक्षांत समारोह को अध्यक्षीय उदबोधन के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मूल्य प्रधान शिक्षा ही व्यक्ति को मानवीय गुणों का आभास कराती है। छात्र-छात्राओं में मानवीय मूल्यों एवं सहिष्णुता का तब ही विकास संभव है ,जब शिक्षक की भूमिका राष्ट्र के प्रति समर्पित हो।
उन्होंने कृषि शिक्षा में छात्राओं की बढती संख्या को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की फसल उत्पादन व पौध संरक्षण की उन्नत तकनीकी का उपयोग किसानों तक पहुंचाने के लिए दीक्षार्थी भविष्य में कार्य करें। किसानों को कृषि की नवीन तकनीकी की जानकारी समय पर उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि पोषक तत्व प्रबंधन, मृदा जांच व जल स्वावलम्बन राजस्थान के किसानों के लिए जरूरी है। फसल बीमा की जानकारी प्रति हैक्टेयर उत्पादन एवं कृषि भूमि की उत्पादकता बढाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को प्रयास करने होंगे।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को राष्ट्र की अमूल्य निधि बताते हुए आह्वान किया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व जनकल्याण के लिए समग्र समाज व राष्ट्र की आशाओं के अनुरूप आचरण करें। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा कौशल विकास एवं रोजगार सृजक पाठ्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि ज्ञान, विज्ञान एवं नवीन तकनीकी के आयामों से नई पीढी एवं कृषक समाज लाभान्वित होगा। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को गौरवशाली बताते हुए सभी को शुभकामनाएं दी।
समारोह के दीक्षांत अतिथि उप महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद प्रो. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने आने वाले समय में कृषि शिक्षा का सुनहरा भविष्य बताते हुए कहा कि दीक्षार्थी सरकारी ही नहीं वरन् स्वतंत्र रूप से उच्च मुकाम हासिल करें।
देश में युवा वर्ग में कृषि शिक्षा की ओर रूझान बढना अच्छा संकेत देता है। उद्यानिकी, दुग्ध क्रांति से देश में नये बदलाव के अवसर पैदा करने की आवश्यकता है। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा गांवों में किसानों को नई तकनीकी की जानकारी के लिए राष्ट्रीय उच्च शिक्षा प्रणाली में किये गये परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि स्र्टाटअप, मुद्रा, विकसित कृषि तकनीकी के कारण आज किसानों की आमदनी बढ रही है।
उन्होंने कृषि विपणन हेतु ई-नाम, मेरा गांव मेरा गौरव, फार्मर फस्र्ट जैसी योजनाओं को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों एवं शिक्षार्थियों को नई तकनीकी को गांव तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है। सरकार द्वारा किसानों की आमदनी को 2022 तक दुगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सभी को प्रयास करने होंगे।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जी.एल.केशवा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के अधीन 6 जिलों में कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण एवं नवीन तकनीकियों के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा कोटा में चौमाकोट व झालावाड में चछलाव गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है, 55 गांवों को गोद लेकर कृषि संबंधी नवाचारों का प्रसार किया जा रहा है।
विधायक सांगोद एवं बोम सदस्य हीरा लाल नागर ने अपने संबोधन में कोटा में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की मांग की। इससे पूर्व दीप प्रज्वलन कर अतिथियों द्वारा समारोह का विघिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय की तीन रिसर्च पुस्तकों का विमोचन किया गया।
5 को स्वर्ण पदक, 178 डिग्रियां कृषि विश्वविद्यालय कोटा के प्रथम दीक्षांत समारोह में 5 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान कर कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री कल्याण सिंह द्वारा सम्मानित किया गया, 14 विद्यार्थियों को स्नात्तकोत्तर एवं 164 को स्नातक डिग्री प्रदान की गई।
प्रशासनिक भवन का शिलान्यास राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह द्वारा बारां रोड स्थित बोरखेडा में कृषि विश्वविद्यालय कोटा के प्रशासनिक भवन की आधारशिला रखी। विधिवत पूजा अर्चना के बाद उन्होंने शिलापट्टिका का अनावरण किया।
इस अवसर पर राज्यपाल के ओएसडी अजय शंकर पांडेय, कुलसचिव भागवंती जेठवानी, कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के.दशोरा, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो. एन.पी.कौशिक, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के प्रो. अशोक शर्मा, जिला कलक्टर डॉ. रविकुमार सुरपुर, पुलिस अधीक्षक नगर सवाई सिंह गोदारा, ग्रामीण सत्येन्द्र कुमार सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।