• October 25, 2019

दिल्ली में अत्याधुनिक बिहार इम्पोरियम

दिल्ली में अत्याधुनिक बिहार इम्पोरियम

नई दिल्ली ——श्री श्याम रजक, माननीय उद्योग मंत्री, बिहार सरकार के द्वारा आज दिल्ली में अम्बापाली बिहार इम्पोरियम का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन के अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री विपिन कुमार, स्थानिक आयुक्त, बिहार; श्री नर्मदेश्वर लाल, सचिव, उद्योग विभाग, बिहार सरकार एवं श्री बी.एन. प्रसाद, प्रबन्ध निदेशक, बिहार राज्य लघु उद्योग निगम भी उपस्थित थे।

अम्बापाली बिहार इम्पोरियम का लगभग 4 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार कार्य कराया गया है। इम्पोरियम में बिहार के उत्कृष्ट हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम तथा बिहार खादी से सम्बन्धित कपड़े की बिक्री होगी।

दिल्ली में इम्पोरियम स्थापित करने का उद्देश्य है कि बिहार के आर्टिजन एवं बुनकरों से सामग्री क्रय कर बिक्री एवं प्रदर्शन करना है। इससे ग्रामीण कारीगरों तथा बुनकरों के रोजगार एवं आय में वृद्वि होगी। इस इम्पोरियम में मशहूर मिथिला पेंटिंग, टिकुली आर्ट, टेराकोटा, स्टोन क्राफ्ट, सिक्की आर्ट तथा भागलपुर की विश्व-प्रसिद्ध तस्सर साड़ी, सिल्क ड्रेस मेटेरियल, मधुबनी का खादी वस्त्र, लेदर गुड्स तथा खादी के नये-नये डिजाइन पर आधारित रेडिमेड वस्त्रों की बिक्री होगी।

अम्बापाली बिहार इम्पोरियम में तीन फ्लोर का बिक्री केन्द्र बनाया गया है। ग्राउण्ड फ्लोर पर प्रसिद्ध हैंडीक्राफ्ट वस्तुएँ, खादी वस्त्र; प्रथम तल पर हैंडलूम, सिल्क सामग्री एवं खादी पर आधारित नये-नये डिजाइन के रेडिमेड वस्त्र तथा द्वितीय तल पर हैंडलूम के वस्त्र, खादी-धोती, गमछा इत्यादि बिक्री के लिए रखा गया है।

तृतीय तल पर इम्पोरियम के कार्यालय एवं सामानों का भंडारण किया गया है। सामानों की बिक्री हेतु सभी सामग्रियों पर बारकोड लगाया गया है। चैथे तल पर गेस्ट हाउस है जिसमें तीन कमरे सुसज्जित ढंग से बनाए गए हैं। बिहार के लोगों के लिए गेस्ट हाउस में किराये पर ठहरने की व्यवस्था की गई है।

नया इम्पोरियम आधुनिक ढंग से बनाया गया है एवं इसे सामानों से सुसज्जित किया गया है जिससे कि दिल्ली के देशी एवं विदेशी पर्यटक बिहार के हैंडीक्राफ्ट एवं हैंडलूम के प्रति आकर्षित होकर सामानों का क्रय करें।

उद्घाटन के अवसर पर दिल्ली में पदस्थापित बिहार के पदाधिकारीगण एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। उन लोगों ने बिहारी व्यंजनों का लुत्फ उठाया एवं सामानों की खरीददारी भी की।

संपर्क
बिहार सूचना केंद्र
नई दिल्ली

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply