- February 1, 2019
दिमाग से भय निकाले, स्वाइन फ्लू की दवा टैमीफ्लू
प्रतापगढ़—-स्वाइन फ्लू से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। लक्षण होने पर तुरंत जांच और उपचार से रोगी पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाता है। इसकी दवा टैमीफ्लू पूरी तरह सुरक्षित और असरदार दवा है। जो सरकारी चिकित्सालयों में मुफ्त में उपलब्ध है।
यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ वी के जैन ने दी। उन्होंने बताया कि जिले में अबतक 81 लोगों के सैंपल लिए गए है, जिनमें से 14 लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटीव निकली थी। इनमें 12 लोग इलाज के बाद पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गए। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू को डर और हौव्वा नहीं बनाए बल्कि इससे सजग और जागरूकता हो।
मनौवैज्ञानिक रूप से अपने दिमाग को संतुलित रखकर इलाज करवाए, रोगी एकदम स्वस्थ्य हो जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील की यदि स्वाइन फ्लू को लेकर थोड़ा बहुत भी आशंका है, तो नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र या फिर क्षेत्र की आशा और एएनएन को इसकी जानकारी देकर सुरक्षित इलाज पाए। इसी के साथ उन्होंने आपातकालीन नंबर 104/108 टोल फ्री नंबर पर जानकारी देकर सुझाव पाया जा सकता है।
स्वाइन फ्लू की जांच को निकली चिकित्सा की स्काॅयड टीम
सर्दी-खांसी जुकाम से कितने लोग पीड़ित है, यह जानने के लिए चिकित्सा विभाग की टीम गुरूवार को बड़े पैमाने पर घर-घर सर्वे किया। सर्वे में आशा एएनम के साथ ही सुपरवाईजरी स्टाफ ने पीडित महिलाओं और बच्चों के साथ बुजुर्गों की जानकारी ली।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ वी के जैन ने बताया कि उन्होंने प्रत्येक ब्लाॅक का प्रभारी नियुक्त किया हैं, जो फ्रन्र्ट लाइन वार्कर द्वारा किए गए सर्वे की सत्यतता को परखेंगे। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गुरूवार दोपहर तक हुए सर्वे में 9 हजार से ज्यादा घरों में चिकित्सा विभाग की टीमें पहुंची।
इस दौरान लोग 930 लोगों में सामान्य खांसी जुकाम से पीड़ित मिले। जिनको स्वाइन फ्लू जैसे रोग के लक्षणों को जानकारी देकर दवाईयां दी। उन्होंने बताया कि मौसमी बीमारी को देखते हुए समस्त चिकित्सक और स्टाफ की छुट्टियों को निरस्त कर रखा है।
घर घर बांटे पर्चेः-शहरी क्षेत्र में चिकित्सा विभाग की टीम ने घर घर सर्वे कर स्वाइन फ्लू की जानकारी वाले पंपलेट्स का वितरण किया। साथ ही घर के बाहर मार्किंग की। इसी के साथ जिला चिकित्सालय में उपचार और जांच के बारे में जानकारी दी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी