दांडी मार्च की 92वीं वर्षगांठ : गांधीजी के पीछे सत्य और ताकत थी — अमित शाह

दांडी मार्च की 92वीं वर्षगांठ : गांधीजी  के पीछे सत्य और ताकत थी — अमित शाह

पीआईबी (नई दिल्ली)—- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने दांडी मार्च की 92वीं वर्षगांठ के अवसर पर अहमदाबाद के कोचरब आश्रम से दांडी साईकल यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना
किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि कोचरब आश्रम मोहनदास कर्मचंद गांधी जी को महात्मा बनानेवाली मूल भूमि हैऔर आज इस पवित्र भूमि पर आकर मुझे बहुत हर्ष हो रहा है।उन्होने कहा कि दांडी यात्रा एक ऐसा आंदोलन था जिसने दुनियाभर के स्वतंत्रता संग्रामों में अपना नाम सुनिश्चित किया। जब दांडी यात्रा निकली उस समय संचार के साधन नहीं थे,गांधीजी जो बोलते थे उसे पूरा देश सुन सके ऐसी कोई व्यवस्था नही थी। गांधीजी जो बोलते थे उसकी रेकोर्डिंग भी नही होती थी और अंग्रेज़ों के भय के कारण उसके अखबारो में छपने की ज्यादा व्यवस्था भी नहीं थी। लेकिन उसके पीछे सत्य की ताकत इतनी बडी थी कि कम्युनिकेशन के किसी साधन के बिना भी गांधीजी ने कोचरब आश्रम,साबरमती आश्रम और दांडी यात्रा के दौरान गांव-गांव की छोटी-छोटी ग्राम सभाओं में जो भी बोला हुआ उसका एक -एक शब्द कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और बिहार से गुजरात तक हर गांव के हर व्यक्ति तक पहुंचता था। इसके पीछे कृतित्व की एक शक्ति थी जिसमे सत्व और साधना का तत्व था और इसी वजह से ही दांडी यात्रा ने समग्र देश में चेतना जगाई।

अमित शाह ने कहा कि अगर देश शुरु से ही गांधी जी के बताए मार्ग पर चला होता तो आज देश की कई समस्याएं नही होती,लेकिन विडंबना यह है कि हम गांधी जी के बताए हुए मार्ग से दूर चले गए। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एक नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं जो आज की आवश्यकताओं के अनुसार है। उन्होने कहा कि गांधी जी के विचार निश्चित रुप से शिक्षा के सभी विचारो को समाहित किए हुए हैं और प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वभाषा,राजभाषा,रोज़गार और स्वावलंबन परक शिक्षा के सभी सिद्धांतो को नई शिक्षण नीति में पिरोने का काम किया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि साइकल यात्रा पर जा रहे लोगो से मैं यही कहना चाहता हूँ कि दांडी मार्च सिर्फ जन-जागृति का ही कार्यक्रम नही था बल्कि दांडी मार्च के दौरान गांधी जी हर रात्रि विश्राम के समय गाँव,देश और गरीब की समस्या और समाज की कुरीतियों के बारे में जानने का प्रयास करते थे।गांधी जी ने दांडी यात्रा में ग्रामीण जीवन और देश की समस्याओ को आत्मसात कर उसे दूर करने का उपाय देश के सामने रखा। इसी तरह श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद एक-एक कर देश की समस्याओं को दूर किया है।

प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा शुरू की गई स्वच्छता,हर घर में शौचालय,बिजली और पीने का शुद्ध पानी,ग्रामीण उत्थान तथा हर गांव आत्मनिर्भर और हर व्यक्ति स्वावंलबी बने जैसी अनेक योजनाओं में यह साफ़ दिखाई देता है।

श्री अमित शाह ने कहा कि गांधी जी ने जब 78 साथियों के साथ दाडी यात्रा शुरु की तब किसी को यह मालूम नही था कि दांडी यात्रा इतिहास बनाने जा रही हैऔर दुनियाभर के लोग सदियों तक दांडी यात्रा को याद रखेंगे और उसका अभ्यास करेंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आप भी आज दांडी यात्रा पर जा रहे हो और मैं आप सबसे यह आग्रह करता हूँ कि यात्रा के दौरान आपका जहां भी रात्रिनिवास हो वहाँ गांधी जी के मूल्य और उनके बताए मार्ग पर गाँवों की समस्याओं को समझने का प्रयास करें और गाँधी जी के मूल्यो का प्रचार प्रसार करें।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मेरी माता जी बापू की अनुयायी थे जिस वजह से मुझे भी गांधीजी को समझने का अवसर मिला और मैं निश्चित रुप से यह कह सकता हूँ कि महात्मा गांधी के सिदंधात शाश्वत हैं जो कभी भी कालबाह्य नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि केवल वे विचार या सिद्धांत ही कालबाह्य होते हैं जो परिस्थितिजन्य होते हैं,लेकिन गांधीजी के विचार और सिद्धांत परिस्थितिजन्य नहीं थे।बापू के विचार और सिद्धांत मानव स्वभाव को उर्ध्वगति देने का वाले थे,मानवता को ऊँचा उठाने वाले थे। जब तक मानव जीवन का अस्तित्व है तब तक गांधी जी के विचार और सिद्धांत शाश्वत रहेंगे,बापू के विचारों और सिद्धांतों का स्वरूप शायद बदल जाए लेकिन तत्व नहीं बदलेगा।

अमित शाह ने कहा कि गांधी जी ने बहुत सहजता और छोटी छोटी बातो से देशभक्ति जाग्रत करने का प्रयास किया और समाज में भातृत्व भाव जगाने व सत्वशील लोगों को संगठित करने का प्रयास किया और इन प्रयासो से ही देश आज़ाद हुआ। उन्होंने कहा कि हमने दुनिया के अनेक देशो के आज़ादी के संग्राम के इतिहास को देखा है। हमारे देश के स्वतंत्र होने से पहले और बाद में भारत के सिवा कोई भी अन्य देश ऐसा नहीं है जहाँ आज़ादी की जंग बिना किसी हथियार के लड़ी गई हो। जनजाग्रति,सत्याग्रह का प्रयोग,विचार और सिद्धांत हमारी सनातन संस्क़ृति के सिद्धांत थे लेकिन ये विस्मृत हो गए थे और गांधी जी ने उन्हें फिर से प्रतिपादित किया,प्रासंगिक बनाया और आज़ादी की जंग में प्रमुख शस्त्र बनाया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के 75 साल के उपलक्ष्य में देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के तीन लक्ष्य रखें हैं। एक देश की आज़ादी में बलिदान देने और अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले गुमनाम बलिदानियों के कार्य से नई पीढी को परिचित कराना और उनमें देशभक्ति की चेतना जाग्रत करना।

दूसरा देश के 75 साल के यशस्वी सफर और उपलब्धियों के प्रति लोगो में विश्वास पैदा करना और तीसरा 75 वें साल में हर एक व्यक्ति छोटे छोटे संकल्प ले और उन संकल्पों के संपुट से हम सब मिलकर आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने पर देश को विश्व में सर्वप्रथम स्थान पर पहुँचासकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के 75 से 100 साल तक की यात्रा को संकल्प सिद्धि की यात्रा के अमृत काल के तौर पर रखा है। हम सबको यह संकल्प लेना चाहिये कि इस अमृत काल में अगले 25 साल में हम भारत को अपने स्वतंत्रता सेनानियों की कल्पना का देश बनाने मे सफल हों। मैं आज 12 मार्च के पवित्र दिन दांडी साइकिल यात्रा पर जा रहे हैं सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply