- August 25, 2016
दवा भगाओं – योग अपनाओं : – ज्योति जांगड़ा
लोगों की सांसों में घुल रहें जहर का मूल कारण पर्यावरण प्रदूषण- ज्योति जाँगड़ा
सांपला (गौरव शर्मा ) – परिवार की एकलौती बेटी गांव के साथ ही हरियाणा का नाम रोशन करने पर तूली हुई हैं। अपने शोध में 4 साल से मेहनत कर रही ज्योति जाँगड़ा मरीजों के लिए अब एक आईना बन रही हैं।
हरियाणा के गांव दतौड़, सांपला की रहने वाली महर्षि दयानंद यूनिवसिर्टी एम0 फार्मा मेडीकल की छात्रा ज्योति जांगड़ा ने मरीजों को प्रत्येक बीमारियों में काम आने वाली दवाईयों व निर्माता कंपनी द्वरा निर्धारित सरकारी मूल्यों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता अभियान शुरू करेंगी।
ज्योति का कहना है की यह जागरूक प्रणाली मरीजों के लिए कारगार सिद्ध हो रही हैं, मेडीकल स्टोरों पर हो रही धाधंली की रोकथाम के लिए गांवों और शहरों में अलख जगाने हेतु प्रतिवद्ध है ।मेडिकल स्टोरों पर अवैध रूप से हो रही वसूली की रोकथाम के लिए यह जागरूकता अभियान पर कारगर है।
एमडीयू की छात्रा ज्योति जांगड़ा ने बताया कि अपने मार्गदर्शक नीरज गिल्होत्र के निर्देशन में मरीजों को उपयोगी दवाईयों के खरीदने के बारें में बताया जा रहा है। वर्तमान अध्ययन में प्रयोग होने वाली पद्धति विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य कार्य अंतराष्ट्रीय दिशा-निदेर्शो पर आधारित है।
शहरों व गांवों में स्थित खुदरा मेडिकल की दुकानों से हाईर्पटेंशन, डाईबीटीज , डिप्रेशन, अलशर इत्यादि दवाईयों को खरीदने के लिए उपयुक्त डाटा तैयार किया गया है। डाटा इक्ठ्ठा करने के लिए नगर पालिका व ड्रग्स विभाग द्वारा स्वकृति ली गई है।
इस अध्ययन डाटा से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में उन लोगों को लाभ होगा जिनको लंबी अवधि के लिए दवाईयां लेनी पडती है। दवांईयों के साईड इफैक्ट जैसे हैवी डोज, निरतंर दवाईयों का सेवन, दवाईयों की एक्पाईरी डेट, डाक्टर से बिना सलाह के दवाईयां लेना इत्यादि के बारें में जानकारी दी जाती है ।
ज्योति का कहना है की योग करने से ज्यादातर बीमारियों से छुटकारा मिलता है इसलिए मरीजों को योगा करने की सलाह दी जा रही है , जांगड़ा का कहना है की प्रत्येक जिला में अपनी टीम तैयार कर लोगों को नशा मुक्त, दवाई मुक्त करना उनकी प्राथमिकता है।
ज्योति जांगडा ने कहा कि ” सरकार की बेटी बचाओं – बेटी पढ़ाओं ” मुहिम से बेटियां आगे बढ़ रही है। उन्होने कहा कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नही है। फिर भी परिवार में बेटों की चाह के लिए बेटियों को कोख में मारा जा रहा है। अब लोगों को दवाईयों के साथ-साथ कन्या भ्रूण
हत्या रोकने के लिए भी जागरूक करने की योजना है ।