- February 6, 2015
दंडित होंगे स्कूल-कॉलेज में धूम्रपान करने वाले -प्रमुख सचिव
सरकारी दफ्तर, शिक्षण संस्थान और अस्पताल में धूम्रपान पूर्णत: प्रतिबंधित जरूर है लेकिन इसके सख्त पालन के लिए अब विशेष निगाह रखी जाएगी। जहाँ दोषी व्यक्ति को दंडित किया जाएगा वहीं कलेक्टर और एस.पी. के नेतृत्व में निरीक्षण दल भी सक्रिय होंगे। इसके लिए जरूरी निर्देश जारी किए जा रहे हैं। प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री प्रवीर कृष्ण की अध्यक्षता में आज राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा तम्बाकू नियंत्रण की गठित अंतर्विभागीय समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं। मुख्य सचिव स्तर पर भी पहले तम्बाकू नियंत्रण अभियान को गति देने के निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण कानून 2003 के प्रावधान से भी लोगों को अवगत करवाया जाएगा। स्कूल, कॉलेज, दफ्तर के क्षेत्र स्मोक फ्री घोषित सभी स्कूल, कॉलेज, तकनीकी शिक्षण संस्था में 100 मीटर परिधि तक धूम्रपान नहीं किया जा सकता। ये क्षेत्र स्मोक फ्री घोषित हैं। सार्वजनिक स्थान पर भी तम्बाकू सेवन प्रतिबंधित है। उल्लंघन पर 200 रुपए के जुर्माना का प्रावधान है। प्रदेश में जल्दी ही तम्बाकू सेवन पर रोकथाम के लिए जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा। जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी नोडल अधिकारी रहेंगे। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 4 जिले मंडला, नरसिंहपुर, रतलाम और नीमच में तम्बाकू और अन्य मादक पदार्थ का अपेक्षाकृत ज्यादा उपयोग हो रहा है। इन जिलों में विशेष अभियान चलाने पर भी विचार हुआ। मुख्यमंत्री जब निरीक्षण पर निकले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी गत वर्ष अनेक दफ्तर का औचक निरीक्षण कर धूम्रपान नियंत्रण प्रयासों की जमीनी हकीकत जान चुके हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने पुन: जागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों, विशेषकर युवाओं को धूम्रपान और नशे के कुप्रभावों से अवगत करवाने का निर्णय लिया है। तम्बाकू केंसर जैसे रोग का कारक है, यह भी प्रचारित किया जाएगा। महिला सरपंच की कोशिशें धार जिले में सागवाल ग्राम की सरपंच श्रीमती धानीबाई ने अपने स्तर पर ग्राम में लोगों को धूम्रपान से दूर रखने के प्रयास किए। इसी तरह खंडवा जिले के ग्राम चिचगोहन में जब एक महिला को केंसर हुआ तो पूरे गाँव के लोगों ने सबक लिया। अब इस गाँव के लोग न तम्बाकू बेचते हैं, न ही तम्बाकू का सेवन करते हैं। |
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अशोक मनवानी |