- July 30, 2016
क्षेत्रों में 50 से 100 एकड़ भूमि चिहिंत :- मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल
चण्डीगढ़ ———- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज वन विभाग को निर्देश दिए कि वे यमुना नदी और दिल्ली के साथ जलाशय निर्माण के लिए निचले क्षेत्रों में 50 से 100 एकड़ भूमि चिह्नित करें। इससे न केवल पानी के संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि वन क्षेत्र में भी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री आज यहां वन विभाग के संचालन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने विभाग को यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न भागों में जो भूमि प्रयोग में नहीं लाई जा रही है उसे वन विभाग को स्थानान्तरित किया जाए ताकि वन विकसित हो सकें। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र की वृद्धि के लिए राज्य सरकार प्रतिवद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फरीदाबाद, रोहतक और झज्जर तथा यमुना नदी के साथ लगती भूमि को चिह्नित करके जलाशय को स्थापित करें और जिस भूमि पर जलाशय स्थापित किया जाएगा उसे बाद में वन विभाग को स्थानान्तरित किया जा सके। उन्होंने किसानों को पौधे विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दिया ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा उनके संरक्षण पर भी विशेष जोर देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसा तंत्र विकसित करें कि उनके क्षेत्र में कितने पौधों का पौधारोपण और संरक्षण की ऑन लाइन जानकारी उपलब्ध हो सके, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्य के लिए स्वयंसेवकों की सेवाएं ले सकते हैं, जो प्रत्येक माह उन क्षेत्रों में जाएंगे, जिनमें उन्हें पौधारोपण व देखभाल के लिए लगाया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे स्वयंसेवकों को उनके योगदान के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि राज्य में चिह्नित किए गये 11 पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्रों में से 10 क्षेत्रों को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें जिला गुडग़ांव के सुल्तानपुर नेशनल पार्क, जिला यमुनानगर में कलेसर नैशनल पार्क और कलेसर वन्य जीव अभयारण्य, जिला पंचकूला में खोल-ही-रेतन वन्य जीव अभ्यारण्य, जिला झज्जर में भिण्डावास वन्य जीव अभ्यारण्य और खापरवास वन्य जीव अभ्यारण्य, जिला रेवाड़ी में नाहर वन्य जीव अभ्यारण्य, जिला कुरुक्षेत्र में चिलचिला वन्य जीव अभ्यारण्य, चण्डीगढ़ में सुखना वन्य जीव अभ्यारण्य जो हरियाणा की तरफ 0 से 1.5 किलोमीटर है और दिल्ली में असोला भाटी वन्य जीव अभ्यारण्य (जिला फरीदाबाद में 100 मीटर से 1000 मीटर और जिला गुडग़ांव में 100 मीटर तक है)।
जिला पंचकूला में बीर शिकरगाह वन्य जीव अभ्यारण्य की स्वीकृति अंतिम पडाव पर है। बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 2015-16 के दौरान 2.38 करोड़ पौधे वितरित और पौधारोपण किया गया। नैशनल मैडिसनल प्लांट्स बोर्ड द्वारा त्रिफला परियोजना को स्वीकृति दी गई है, जिसके तहत पंचकूला में हरड, बहेडा और आंवला के विकास और संरक्षण के लिए 2.34 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 2016-07 के दौरान हर घर हरियाली योजना के अन्तर्गत राज्य के घरों में 12 लाख फलों के पौधों का पौधारोपण किया जाएगा। अब तक 6.31 लाख पौधों का पौधा रोपण किया जा चुका है। बैठक में हरियाणा के वन मंत्री राव नरबीर सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा० राकेश गुप्ता, वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आर आर जोवल, वन विभाग की प्रधान मुख्य संरक्षक डा० अमरिंदर कौर, गुडग़ांव साउथ सर्कल के वन संरक्षक श्री एमडी सिन्हा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।