• October 28, 2015

त्रिंकोमाली : श्रीलंका- भारत नौ सैनिक अभ्‍यास

त्रिंकोमाली : श्रीलंका- भारत नौ सैनिक अभ्‍यास
नई दिल्ली (पेसूका) –   पारस्‍परिक समुद्री बातचीत द्वारा पड़ोसी देश के साथ संबंध दोबारा मजबूत करने के लिए भारत और श्रीलंका की नौ सेनाएं 27 अक्‍टूबर 2015 से 01 नवंबर 2015 तक श्रीलंका के त्रिंकोमाली तट पर चौथा श्रीलंका- भारत नौ सैनिक अभ्‍यास (एसएलआईएनईएक्‍स) आयोजित किया जाएगा। द्वीपक्षीय समुद्री अभ्‍यास की एसएलआईएनईएक्‍स शृंखला 2005 में शुरू की गई थी और अब तक तीन सफल अभ्‍यास किए गए हैं।

अभ्‍यास में भाग लेने के लिए भारतीय नौ सेना के जहाज-कोरा, कृपाण और सावित्री, जहाज जनित हेलीकॉप्‍टरों के साथ आज त्रिंकोमाली पहुंच गए हैं। मिसाइल वाहक कोरा और कृपाण जहाज की कमान क्रमश: कमांडर अशोक राव और कमांडर अब्राहम सेम्यिुल तथा तटवर्ती गश्‍ती जहाज सावित्री की कमान कमांडर प्रशांत नेगी के हाथ में है। इसके अलावा भारतीय नौ सेना का समुद्री टोही विमान भी अभ्‍यास में भाग लेगा। श्रीलंका की नौ सेना की तरफ से इस अभ्‍यास में सयूरा, समुद्र , सागर , 6 त्‍वरित आक्रमण विमान, 2 त्‍वरित गन बोट और एक त्‍वरित मिसाइल जहाज भाग लेगा।

अभ्‍यास बंदरगाह चरण से शुरू होगा, इस दौरान प्रतिभागी व्‍याव‍सायिक, सांस्‍कृतिक और सामाजिक बातचीत करेंगे। बंदरगाह चरण के बाद 30 अक्‍टूबर 2015 से समुद्री चरण शुरू होगा। समुद्र चरण में समुद्री डकैती को रोकने, गोलीबारी, क्रॉस डैक हेली‍कॉप्‍टर अभियान सहित जटिल अभ्‍यास किए जाएंगे।

दोनों देशों की नौ सेनाओं के बीच आज बेहतरीन समझ के रूप में एसएलआईएनईएक्‍स के अंतर्गत किए गए अभ्‍यासों का लाभ स्‍पष्‍ट नजर आ रहा है। एसएलआईएनईएक्‍स 15 से समुद्र में दोनों सेनाओं द्वारा मिलकर कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी, जो इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा की दिशा में योगदान होगा।

एसएलआईएनईएक्‍स का उद्देश्‍य आपसी समझ बढ़ाना और दोनों देशों की नौ सेनाओं को एक दूसरे के अभियानों, प्रक्रियाओं, संपर्क प्रक्रियाओं और बेहतरीन तरीकों की जानकारी उपलब्‍ध कराना है। इससे दोनों नौ सेनाओं के बीच आवश्‍यकता पड़ने पर जटिल समुद्री अभियानों के दौरान मिलकर अभियान चलाने का विश्‍वास पैदा होगा। समय- समय पर होने वाले इस अभ्‍यास से पिछले अनुभव के आधार पर व्‍यावसायिक और अभियान में दोनों नौ सेनाओं के बीच और संबध बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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