- December 20, 2014
तिलम संघ : 6 करोड़ रु.से अधिक का शुद्ध लाभ
जयपुर – सहकारी प्रतिष्ठान तिलम संघ के प्रशासक और रजिस्ट्रार श्री अनुराग भारद्वाज ने बताया है कि तिलम संघ के कार्यों में सदस्य समितियों की सीधी भागीदारी तय करते हुए परामर्शदात्री समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस समिति की तीन माह में एक बार बैठक होगी। इसी तरह की परामर्शदात्री समिति प्लांट स्तर पर भी गठित होगी।
श्री भारद्वाज शुक्रवार को सहकार भवन में तिलम संघ की पांचवीं साधारण सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तिलम संघ विगत पांच वर्ष से निरंतर सचित लाभ में काम कर रहा है। वर्ष 2013-14 में तिलम संघ 6 करोड़ 72 लाख रुपए के शुद्ध लाभ में रहा है। इस वर्ष के आरंभिक आंकड़ों के अनुसार तिलम संघ ने सितंबर तक 4 करोड़ रुपए से अधिक का परिचालन लाभ अर्जित किया है।
प्रशासक श्री भारद्वाज ने बताया कि तिलम संघ द्वारा अब प्रदेश मेंं ही सोयाबीन, सरसों, गेहूं, चना, ग्वार, मोठ, मूंग आदि के बीजों का प्रसंस्करण शुरु किया गया है। इसके साथ ही किसानों को कृषि जिंसों का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करीब 114 करोड़ रुपए का 36हजार 774 टन चना और सरसों की खरीद की गई है। इसके साथ ही 452 करोड़ रुपए से अधिक का 2 लाख 92 हजार टन गेहूंं की समर्थन मूल्य पर खरीद कर किसानों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा करीब साढ़े चार करोड़ रुपए की एक हजार 463 टन सरसों की वाणिज्यिक खरीद की गई है।
तिलम संघ के प्रबंध संचालक श्री सी.एम. अग्रवाल ने बताया कि तिलम संघ ने इस वर्ष तिलम संघ द्वारा 10 करोड़ रुपए से अधिक की 3हजार 190 टन सरसों और मूंगफली का विपणन किया गया है। उन्होंने बताया कि 74 करोड़़ 34 लाख रुपए से अधिक की हिस्सा राशि है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि तिलम संघ द्वारा सोयाबीन, सरसों और मूंगफली के तेल का विपणन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 13 करोड़ 96 लाख रुपए का एक हजार 133 टन सोयाबीन, सरसों और मूंगफली का तेल उपलब्ध कराया गया है।
साधारण सभा में सदस्यों ने बीज उत्पादन कार्य में सदस्य समितियों और उनके व्यवस्थापकों को प्रोत्साहन देने, समर्थन मूल्य पर खरीद में समितियों की भागीदारी तय करने, तिलम संघ के बंद प्लांट परिसरों में बीज प्रसंस्करण शुरु करने और गोदामों बनाने का आग्रह किया। सदस्यों ने मूंगफली की खरीद शुरु कराने का भी आग्रह किया।
वार्षिक साधारण सभा में 2010-11 से 203-14 तक के अंकेक्षित लेखों और इस वर्ष की कार्ययोजना का अनुमोदन और वर्ष 2014-15 के अंकेक्षण के लिए अंकेक्षक की नियुक्ति की स्वीकृति दी।
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