तंबाकू : धीमा जहर

तंबाकू :   धीमा जहर

एक सिगरेट में 8 या 9 मिलिग्राम तक निकोटिन होता है जो सिगार में बढ़कर 100 से 400 मिलिग्राम तक हो सकता है।

कहीं आप भी तो सिगरेट नहीं पीते हैं। वरना यह सपना आपकी भी हकीकत बन सकता है। यह भ्रम दिमाग में न पालें कि सिगरेट पीना, तंबाकू और गुटखे खाना मर्दानगी की निशानी है या इस भ्रम में न पड़े कि सिगरेट पीने से थकान दूर होती है या ताजगी आती है। इसे इस प्रकार समझें सिगरेट-बीड़ी पीने से आदमी का दिमाग गधे जैसे हो जाता है, बल्कि यूँ कहिए आदमी गधा बन जाता है।

दुनिया भर में आँकड़ों पर नजर डालें तो हम सिहर उठेंगे। सिगरेट और तंबाकू उत्पादों से हर वर्ष करोड़ों लोग असमय मौत का निवाला बन जाते हैं। लाखों लोग लीसड़ी
बीमारियों के शिकार बनते हैं। 1

कितने अचंभे की बात है कि अपनी मौत हम पैसों में खरीदते हैं। हम जानबूझकर तिलतिल मौत का शिकार होते हैं। इस दृष्टि सिगरेट पीनेवालों को समझदार तो हरगिज नहीं कहा जा सकता है। द्वापर में यक्ष के एक प्रश्न के जवाब में युधिष्ठिर ने कहा था कि मृत्यु सबसे बड़ी सच्चाई है फिर भी इंसान उसे स्वीकारने से कतराता है।

आज कलियुग का सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यह हो सकता है कि आदमी जानबूझकर और खरीदकर मौत को गले कब लगाता है ? जवाब होगा सिगरेट पीकर ।

अनुसंधानों से यह तथ्य निकलकर सामने आए हैं कि धूम्रपान की लत हमारी एड़ी से लेकर चोटी तक विपरीत प्रभाव डालती है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति को धीरे-धीरे क्षीण करती जाती है और एक दिन हमें नपुंसक तक बना देती है।

दुनिया भर में प्रति मिनट 1 करोड़ सिगरेटें खरीदी जाती हैं, 1500 करोड़ प्रतिदिन बेची जाती हैं और एक वर्ष में यह आँकड़ा 5 लाख करोड़ तक पहुँच जाता है। चीन में 30 करोड़ से अधिक लोग सिगरेट पीते हैं, जो प्रति मिनट 30 लाख और प्रति वर्ष पौने दो लाख करोड़ सिगरेटें पी जाते हैं।

दुनिया भर में एक मोटे अनुमान के अनुसार 110 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं और झुकाव ऐसा ही रहा तो सन 2025 तक यह संख्या ब़ढकर 160 करोड़ हो जाएगी। 5 लाख करोड़ सिगरेटों के फिल्टर का वजन लगभग 80 करोड़ कि.ग्रा. होता है।

ये सिगरेटें और इनके फिल्टर प्रति वर्ष लाखों टन विषैला कचरा और विषैले रसायन पर्यावरण में घोल देते हैं। सिगरेट का फिल्टर सफेद रूई की तरह दिखाई देता है, लेकिन यह सैल्युलस एसिटेट नामक प्लास्टिक के बेहद महीन रेशों से बनाया जाता है।

सिगरेट का एक फिल्टर अपघटन में 18 महीनों से 10 वर्ष तक ले सकता है। जटिल रूप से तैयार एक सिगरेट में 8 या 9 मिलिग्राम तक निकोटिन होता है जो सिगार में बढ़कर 100 से 400 मिलिग्राम तक हो सकता है।

चार या पाँच सिगरेटों में इतना निकोटिन होता है कि यदि उसे किसी वयस्क व्यक्ति के शरीर में इनजेक्ट कर दिया जाए तो उसकी मृत्यु हो सकती है। अधिकतर धूम्रपानकर्ता प्रति सिगरेट एक या दो मिलिग्राम निकोटिन ग्रहण करते हैं, बाकी जलकर पर्यावरण में घुलमिल जाता है। अधिक सिगरेट पीने से उलटी भी हो सकती है।

लेड (सीसा) और पोलोनियम जैसे रेडियोधर्मी तत्त्व थोड़ी मात्रा में सिगरेट के धुएँ में पाए जाते हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हाइड्रोजन सायनाइड गैस का नरसंहार के लिए रासायनिक एजेंट के रूप प्रयोग किया गया था। इसने सैकड़ों जानें ली थीं। यह गैस सिगरेट में एक विषैले सहउत्पाद के रूप मौजूद होती है। सेकंड हैंड स्मोकिंग में 50 से अधिक कैंसर के कारक रासायनिक पदार्थ होते हैं, इनमें से 11 तीव्र कैंसरजन्य होते हैं।

दुनिया भर में 13 से 15 वर्ष के प्रति पाँच किशारों में से एक किशोर सिगरेट पीता है।किशोर प्रतिदिन 80 हजार से 1 लाख सिगरेटें पी जाते हैं। अनुमान है कि 20वीं सदी में लगभग 10 करोड़ लोग तंबाकू उत्पादों के सेवन के चलते मौत का निवाला बने। इस प्रकार, तंबाकू हमें गुलामी का जीवन, दीर्घकालिक रोग और अंत में मौत की सौगात देती है। जरा सोचिए इस सौगात’ का हम भारी दाम चुकाते हैं।

इतना समझ लें कि अब तक जिसे आप अपना सबसे अच्छा दोस्त समझते थे, वास्तव में वह आपका पक्का दुश्मन, आपका हत्यारा है। यही वक्त है कि आप इसे अपने से दूर कर दें। इससे कुट्टी कर लें। इसने दुनिया में अब तक लाखोंलाख लोगों को अपना निवाला बनाया है, आप इसका निवाला बनने से बचें ।

आशुतोष कुमार
मधुपुर

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