- November 17, 2014
डॉक्टर धरती पर भगवान का दूसरा रुप – चिकित्सा मंत्री
जयपुर – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि डॉक्टर धरती पर भगवान का दूसरा रुप होते हैं। भगवान तो हमें एक बार जीवन देता है पर डॉक्टर हमारे अमूल्य जान को बार-बार बचाता है। समर्पण और त्याग की भावना के साथ यही एक पेशा है जहां दवा और दुआ का अनोखा संगम मिलता है।
श्री राठौड़ रविवार को महात्मा गांधी मेडीकल विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित एसोसियेशन ऑफ फिजिसियन्स ऑफ इंडिया-राजस्थान चैप्टर के 25वें वार्षिक अधिवेशन के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर जब अपने चिकित्सकीय जीवन की शुरुआत करते हैं तो वे नैतिकता और जरूरतमंदों की मदद का जज्बा लिये हिप्पोक्रेटिक ओथ लेते हैं एवं जीवन पर्यन्त इसे निभाते हंै।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि वर्तमान वैज्ञानिक युग में डॉक्टर्स आम जीवन को बीमारियों से मुक्त रखने के लिये अपने ज्ञान का इस्तेमाल कर नित नई विशेषज्ञ शाखाओं को विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनरल फिजिशियन मेडिकल मैनेंजमेंट की बैकबोन है। स्वास्थ्य की देखभाल के लिये फैमिली फिजिशियन की परम्परा निरन्तर बढ़ रही है। जनरल फिजिशियन सामान्य लक्षण के आधार पर मरीजों का इलाज करते हैं। व्यक्ति ही नहीं बल्कि परिवार के स्वास्थ्य की मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी होने से उन्हें इलाज में अत्यंत सुविधा होती है।
श्री राठौड़ ने कहा कि विश्व के अनेक विकसित राष्ट्रों में जनरल फिजिशियन अपने रोगी में विशेष लक्षण प्रतीत होने पर संबंधित विशेषज्ञों को रैफर करते हैंं एवं विशेषज्ञ जांच एवं उपचार के संबंध में जानकारी देकर पुन: जनरल फिजिशियन के पास रैफर करते हैं। जनरल फिजिशियन ही सभी चिकित्सकों के उपचार में प्रभावी समन्वय कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिये चिकित्सा विभाग गंभीरता से प्रयास कर रहा है। इसमें सफलता के लिये निजी क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों एवं चिकित्सालयों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने सम्मेलन में किये गये चिन्तन एवं जनरल फिजिशियन की भूमिका के बारे में आम चिकित्सकों तक जानकारी पहुंचाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
इस अवसर पर विख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. शशांक जोशी, आई.एम.ए. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस.एस. अग्रवाल, महात्मा गांधी हॉस्पिटल के अध्यक्ष डॉ. एम.एल. स्वर्णकार, डॉ. वी.डी. माहेश्वरी, डॉ. सचदेव, डा. विरेन्द्र सिंह सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
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