ट्रुंप का यू- टर्ण –हॉर्मूज जलडमरू मध्य में भारत चिंतित

ट्रुंप का यू- टर्ण –हॉर्मूज जलडमरू मध्य में भारत चिंतित

अमेरिका और ईरान में सैन्य टकराव के बढ़ते अंदेशे के बीच भारत ने हॉर्मूज जलडमरू मध्य से होकर गुजरने वाले अपने तेल टैंकरों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है.ओमान की खाड़ी में दो भारतीय युद्धपोतों की तैनाती के बाद नौसेना अब तेल टैंकरों पर कुछ अधिकारियों को भेजेगी.

दो दिन पहले ईरान ने एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था. ड्रोन को गिराए जाने से भड़के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले का आदेश दे दिया था, लेकिन देर रात तक उन्होंने आदेश वापस भी ले लिया था.

अमेरिका ने क्यों बदला फैसला?

न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शाम 7 बजे अमेरिकी सेना और ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने हमले के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया था. कहां-कहां हमले करने हैं उन ठिकानों को भी मार्क कर लिया गया था.

अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा. ”जहाजें आसमान में तैयार थी नौसैनिक भी अपनी पोजिशन ले चुके थे. लेकिन मिसाइलें नहीं दागी गई थी. इस बीच ट्रंप ने हमला करने का फैसला वापस ले लिया .” आखिर क्यों ऐसा किया गया इस बारे में फिलहाल पुख्ता तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली है.

विवाद?

13 जून को अमेरिका के दो तेल टैंकरों में आग लगने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. अमेरिका ने ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों पर हुए हमले के लिए ईरान को दोषी ठहराया था. इससे पहले भी अमेरिका ने पिछले महीने इस रणनीतिक समुद्री इलाके में ऐसे ही हमलों को लेकर इस्लामिक गणराज्य की तरफ उंगली उठाई थी.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के हवाले से विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिकी सरकार का मानना है कि खाड़ी में हुए हमलों के लिए ईरान जिम्मेदार है.

खुफिया जानकारी के मुताबिक, हमला करने में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया है उसे देख कर पता चलता है कि हमला ईरान से ही किया गया है.

परमाणु समझौते को लेकर तनाव

हाल के दिनों में ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर तनाव बढ़ गया है. पिछले साल अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था. अमेरिका, ईरान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन का आरोप लगाता रहा है.

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