टेली रेडियोलोजी के माध्यम से रेडियोलाॅजिस्ट की कमी शीघ्र होगी पूरी —श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह

टेली रेडियोलोजी के माध्यम से रेडियोलाॅजिस्ट की कमी शीघ्र होगी पूरी —श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह

लखनऊ : प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश भर में क्रियान्वित 100 औषधि केन्द्रों में दवाइयों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए। साथ ही औषधि केन्द्रों में दवाइयों का उचित प्रदर्शन (च्तवचमत क्पेचसंल) भी होना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में रेडियोलाजिस्ट की कमी को टेली रेडियोलोजी के माध्यम से जल्द से जल्द से पूरा कर लिया जाएगा।

श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जनपथ स्थित विकास भवन में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के कार्यालय कक्ष में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेडियोलाजिस्ट की कमी को टेली रेडियोलोजी के माध्यम से जल्द ही पूरा कर लिया जायेंगे चूँकि, उत्तर प्रदेश काफी बड़ा प्रदेश है इसलिए टेली रेडियोलोजी को 3 क्लस्टर में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि आगामी नवम्बर माह तक प्रदेश भर में टेली रेडियोलाजी के 400 केंद्र खुल जाएंगे, जिसके माध्यम से रेडियोलाजिस्ट की कमी को पूरा किया जाएगा।

श्री सिंह ने बताया कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के माध्यम से संयुक्त निदेशक सभी जनपदों में अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगे । इस औचक निरीक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक देखें की अस्पताल मंे डॉक्टर्स मरीजों को दवाइयां कहाँ से लिख रहे हैं। ऐसे में यदि कोई भी डॉक्टर बाहर की दवाई लिखता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कारवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के लिए डॉक्टर्स के साथ-साथ सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (ब्डै) भी जिम्मेदार होंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के दूरदराज के इलाकों तक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के दृष्टिगत 170 मोबाइल मेि डकल यूि नट का टेंडर हो चुका है, जिसमें से 100 मोबाइल मेडिकल यूि नट दिसम्बर माह तक शुरू हो जाएँगी। उन्होंने बताया कि एक मोबाइल मेडिकल यूनिट में वाहन ड्राइवर, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स, लैब टेक्नीशियन की व्यवस्था की जाएगी। इन मोबाइल यूनिट के माध्यम से प्राथमिक उपचार, संक्रामक व गैर संक्रामक बीमारियों की स्क्रीनिंग, बेसिक लैब टेस्ट आदि सेवाएं दी जाएंगी। ये मोबाइल मेडिकल यूनिट पीपीपी मोड पर चलाई जाएंगी।

श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद को 1 शव वाहन उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक 40 शव वाहन दिए जा चुके हैं और 30 शेष शव वाहन जल्द ही उपलब्ध कराये जाएंगे। समीक्षा बैठक के दौरान प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशांत त्रिवेदी, मिशन निदेशक (एन.एच.एम.) श्री पंकज कुमार, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वी. हेकाली झिमोमी, विशेष सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री जी.एस. नवीन कुमार, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री पद्माकर सिंह उपस्थित थे।

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