टिड्डी त्राहिमाम—-कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया

टिड्डी त्राहिमाम—-कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया

जयपुर———–कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा है कि सीमावर्ती जिलों में टिड्डी के प्रकोप व आगामी समय में टिड्डी से फसलों को नुकसान की आशंका को देखते हुए कृषि विभाग अभी से ही पूरी तैयारी और सतर्कता के साथ टिड्डी नियंत्रण के प्रयास करे और अधिकारी प्रतिदिन इसकी दैनिक प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराएं।

प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में टिड्डी के प्रकोप को देखते हुए टिड्डी नियंत्रण के लिए अपने कक्ष में आयोजित कृषि अधिकारियों की बैठक में कृषि मंत्री ने यह निर्देश दिए। कृषि मंत्री ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण के लिए फील्ड स्टाफ, कीटनाशक दवाई के छिड़काव एवं सर्वे के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

राज्य सरकार टिड्डियों द्वारा किये जाने वाले नुकसान की गंभीरता से भलीभांति परिचित है, इसलिए विभागीय अधिकारियों को पूर्व में भी समुचित निर्देश दिए गए हैं, जिस पर आयुक्तालय स्तर से संयुक्त निदेशक कृषि (पौध संरक्षण) के नेतृत्व में विभागीय अधिकारियों ने एक जून से 7 जून 2019 तक जैसलमेर, बाडमेर, जोधपुर, बीकानेर, नागौर में भ्रमण किया तथा जैसलमेर जिले के टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर अवलोकन किया। वस्तुस्थिति से स्थानीय अधिकारियों एवं टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर, जैसलमेर को अवगत कराते हुए वांछित कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि आयुक्तालय स्तर पर टिड्डी प्रभावित-संभावित जिलों में टिड्डी दल पर निगरानी, सर्वेक्षण एवं प्रबंधन तथा नियंत्रण हेतु दलों का गठन किया जा चुका है। जिलों में कृषि विभाग के कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष खोलकर विभागीय स्तर से जैसलमेर जिले में 77 कृषि अधिकारी, सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षकों का पदस्थापन किया जा चुका है।

कृषि मंत्री ने बताया कि जानकारी दी कि इराक, इरान एवं पाकिस्तान में टिड्डियाें का प्रजनन होने तथा मौसम की अनुकूल परिस्थितियों के कारण जैसलमेर एवं बाड़मेर जिले में प्रकोप हुआ है।

टिड्डियों का प्रवेश राज्य के सीमावर्ती जिलों में नवम्बर तक हो सकता है। वर्तमान में टिड्डियों का प्रवेश अकृषि क्षेत्र में रहा है, जिससे अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है परन्तु जिन स्थानों पर अण्डे दिये गये हैं, वहां अण्डों से निकले निम्फ का नियंत्रण कार्य करवाया जा रहा है। क्षेत्र में वर्षा होने पर टिड्डी दल के विस्तार की संभावनाओं से नकारा नहीं जा सकता।

अतः खरीफ की फसलों को भविष्य में टिड्डियों का प्रकोप बढ़ने पर काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए टिड्डी चेतावनी संगठन के साथ विभागीय विस्तार कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार सहयोग एवं समन्वय के साथ टिड्डी नियंत्रण का कार्य कियाजाना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि टिड्डी नियंत्रण के लिए प्रदेश मे 40 बोलेरो वाहन किराए पर लेने की स्वीकृति जारी की गई है। बैठक में कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश, अतिरिक्त निदेशक कृषि (आदान) एल.एन.कुमावत, संयुक्त निदेशक कृषि (पौध संरक्षण) डॉ. सुवालाल जाट, संयुक्त निदेशक कृषि (प्रशासन) सीताराम जाट सहित संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

नए टिड्डी दल के प्रवेश की है सूचना

कृषि मंत्री ने बताया कि विभागीय अधिकारियों तथा टिड्डी चेतावनी संगठन से प्राप्त सूचना के अनुसार 21 मई से 30 जून 2019 तक टिड्डी दलों का जैसलमेर जिले की पोकरण, फतेहगढ़, सम एवं जैसलमेर तहसीलों तथा बाड़मेर जिले की रामसर तहसील के विभिन्न गांवों में 5486 हैक्टर क्षेत्र में प्रकोप पाया गया है।

30 जून को जैसलमेर एवं बाडमेर जिले में नये टिड्डी दल के प्रवेश की जानकारी भी सामने आई है। इन सब स्थानों पर टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा तत्परता से नियंत्रण कार्य हो, इसके लिए विभागीय अधिकारी, कर्मचारी सजग रहकर पूर्ण सहयोग प्रदान करें।

किसानों को करें जागरुक

कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देष दिए कि जहां-जहां भी टिड्डी के प्रकोप की संभावना है, वहां गोष्ठियां करके किसानों को टिड्डी नियंत्रणमें सहायता करने के लिए जागरुक करें। टिड्डी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने हेतु टिड्डी नियंत्रण साहित्य का भी वितरण करवाया जाए।

उन्होंने कृषि आयुक्तालय से टीमों का गठन कर टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल भेजने के निर्देश दिये और कहा कि टिड्डी नियंत्रण हेतु कृषि आयुक्तालय एवं सीमावर्ती जिलों में नियंत्रण कक्ष खोलकर टिड्डी दल परप्रभावी नियंत्रण के लिए निगरानी एवं सर्वेक्षण कार्य करवाएं। उन्होंने कहा कि कृषि आयुक्तालय स्तर से सूचनाओं का संकलन कर दैनिक प्रगति रिपोर्ट से अवगत करवाएं।

इस दौरान श्री कटारिया ने बताया कि राज्य में टिड््डी दल का सन् 1993, 1997, 2005, 2010 में प्रकोप हुआ था। इसके बाद राज्य में 21 मई 2019 को यह प्रकोप हुआ है।

राज्य में टिड्डी दल का 1993 में जुलाई से अक्टुबर तक 310482 हैक्टर में, 2005 में सितम्बर से दिसम्बर तक 16440 हैक्टर में प्रकोप रहा है। फ.ए.ओ. द्वारा सऊदी अरब, कुवैत, सूडान, यमन, ईरान, पाकिस्तान, इजिप्ट में टिड्डी दल का भंयकर प्रकोप होने के बारे में बताया गया है तथा पाकिस्तान होते हुए राज्य में प्रवेश करने की प्रबल संभावनाएं व्यक्त की गई हैं।

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