- February 20, 2018
झज्जर दूध उत्पादन में अग्रणी : ओ.पी. धनखड़
झज्जर (जनसंपर्क विभाग)——— प्रदेश के पशु एवं मत्स्य पालन मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित संवाद भवन मेंं प्रगतिशील पशु पालकों व पशु परिचरों को संबोंधित करते हुए कहा कि झज्जर को दूध उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा देना होगा।
डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने मिनी डेयरी उद्यमिता विकास योजना नाबार्ड के माध्यम से चलाई हुई है। योजना के तहत नाबार्ड द्वारा पशु पालकों को भैंस व गाय ख्ररीद पर अनुदान देने का प्रावधान है।
पशु पालन मंत्री श्री धनखड़ ने कहा कि झज्जर जिला देश की राजधानी और गुरूग्राम जैसे विश्व स्तरीय शहर से सटा हुआ है। दिल्ली और गुरूग्राम में हरियाणा की गाय व भैंस के दूध की बड़ी मांग है। ग्रामीण बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन करेंगे तो निश्चित रूप से बेहतर दाम मिलेंंगे और आमदनी भी बढ़ेगी। ग्रामीणों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए पशु पालन को उद्यमिता के रूप में अपनाना चाहिए।
श्री धनखड़ ने कहा कि डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत नाबार्ड द्वारा भैंस व गायों की खरीद पर सामान्य वर्ग के पशु पालक को 25 फीसदी तथा अनुसूचित जाति वर्ग के पशु पालकों को 33.33प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इच्छुक पशु पालक केंद्रीय सहकारिता बैंक झज्जर की जिले में कार्यरत 24 शाखाओं से फार्म लेकर आवेदन करें।
पशु पालन मंत्री श्री धनखड़ ने मौके पर उपस्थित केंद्रीय सहकारिता बैंक ,पशु पालन विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश देते हुए कहा कि सरकार की ओर से नाबार्ड के माध्यम से विभिन्न लोक हितैषी योजनाएं चलाई जा रही है। इनका व्यापक रूप से प्रचार -प्रसार करें ताकि ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को इनका लाभ मिल सके।
पशु पालन मंत्री ने कहा कि झज्जर में आयोजित हुए राज्य स्तरीय पशु मेला एवं प्रदर्शनी से पशु पालकों में काफी जागरूक्तता आई है। उन्होंने कहा कि 16 से 18 मार्च तक रोहतक में पशु मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। श्री धनखड़ ने कहा कि पशु परिचर भी पशु पालकों को लाभकारी योजनाओं की जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
पशु पालन एवं मत्स्य पालन मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि योजना बनाना एक काम है, योजनाओं की सही जानकारी देते हुए पात्र लोगों तक पंहुचाना योजना की सार्थकता को सिद्ध करता है।
मत्स्य पालन विभाग की चर्चा करते हुए बताया कि सरकार बनने से पहले विभाग का बजट पांच करोड़ का था अब साढ़े तीन वर्षो में मत्स्य पालन विभाग का अनुदान का बजट 78 करोड़ रूपये हो गया है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए तलाव गावं में 1262 लाख रूपये की लागत से सजावटी मछली का केंद्र खोला जा रहा है। इस केंद्र से काफी युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर पशु पालन विभाग के उपनिदेश डॉ मुनीष डबास, जिला बागवानी अधिकारी डॉ आर एस अहलावत, जिला मत्स्य अधिकारी श्रीपाल राठी, कृषि विभाग, सहकारिता बैंकों के अधिकारी, राय सिंह,प्रकाश धनखड़, जागरूक पशु पालक व पशु परिचर उपस्थित रहे।