- March 30, 2022
जुर्माना देकर छूट जाएंगे शराबी : शराबबंदी संशोधन बिल पास
पटना——– शराबबंदी संशोधन विधेयक बिहार विधानसभा में पास हो गया है. राज्य के मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार विधानमंडल के पटल पर मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 पेश किया जहां से यह पास हो गया. अब इस नए विधेयक पर राज्यपाल की मुहर लगनी बाकी है जिसके बाद यह कानून बन जाएगा.
इस संशोधन विधेयक को नीतीश कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी थी.
शराबबंदी संशोधन पर मद्य निषेध और उत्पाद मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा. लेकिन दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा. बार-बार पकड़े जाने पर जेल जाना ही होगा. सभी बिंदुओं पर विचार के बाद संशोधन किया गया है.
बिहार मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 नजदीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष (सामने) पेश किया जाएगा. इसके तहत अब जुर्माना देकर पकड़ा गया आरोपी छूट सकता है. जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की सजा हो सकती है. बार-बार पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना दोनों होगा. जुर्माने की राशि राज्य सरकार तय करेगी.
पुलिस को मजिस्ट्रेट के सामने जब्त सामान नहीं पेश करना होगा. पुलिस पदाधिकारी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेश कर सकते हैं.
नमूना सुरक्षित रख कर जब्त सामान को नष्ट किया जा सकेगा. इसके लिए परिवहन की चुनौती और भू-भाग की समस्या दिखाना होगा. जिलाधिकारी (डीएम) के आदेश तक जब्त वस्तुओं को सुरक्षित रखना जरूरी नहीं.
मामले की सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी. धारा 37 में सजा पूरा कर चुका आरोपी जेल से छूट जाएगा.
तलाशी, जब्ती, शराब नष्ट करने को लेकर है विशेष नियम.
इस नये विधेयक को लेकर मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने न्यूज़ 18 से बात करते हुए कहा कि इस नये विधेयक के लागू होने से शराब के लंबित मामलों का तेजी से निष्पादन होगा. बल्कि पहली दफा शराब का सेवन करने वाले व्यक्तियों को फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट के पास पेश कर बिल्कुल उसी तरह जिस तरह परीक्षा अधिनियम में पुलिस जुर्माने की राशि वसूल कर परीक्षार्थियों को छोड़ देती है शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति को छोड़ देगी. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में बीते पांच वर्षों में जब्त 66 हजार वाहनों की नीलामी भी जल्द की जायेगी. साथ ही न्यायालय पर 30 से 40 फीसदी बोझ भी कम होगा.
बिहार में अप्रैल 2016 से लागू है पूर्ण शराबबंदी
बता दें कि बिहार में बीते छह साल से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. नवंबर 2015 में विधानसभा चुनाव जीत कर सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में पूरे राज्य में शराबबंदी कानून लागू कर दिया था. इसके तहत प्रदेश में शराब बेचने और खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध है. यदि कोई इसका उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाती है.