- March 26, 2018
जीरो बजट खेती —- ‘कबाड़ से जुगाड़’,’ हस्तकला प्रदर्शन’
बहादुरगढ़ (नवसंचार सूत्र )———— शहर के वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय के एन.एस.एस. इकाई द्वारा एन.एस.एस. अधिकारी डॉक्टर मनजीत के नेतृत्व में लगाए गए सात दिवसीय डे नाईट कैंप का समापन छात्राओं द्वारा तैयार ‘कबाड़ से जुगाड़’,’ हस्तकला प्रदर्शन’ व विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ ।
एन.एस.एस. अधिकारी डॉ मंजीत ने जानकारी देते हुए बताया कि एक सप्ताह से आयोजित इस कैंप के माध्यम से हमें समाज से जुड़ने का मौका मिला । एन.एस.एस. एक ऐसी इकाई है जिससे युवा शक्ति जुड़ी हुई है और यही युवा शक्ति समाज की दशा व दिशा निर्धारित करती है।
इस शिविर में कैशलेस ट्रांजेक्शन, डिजिटलाइजेशन ,जल संरक्षण ,पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जागरूकता ,नारी शक्ति को आत्मनिर्भर बनाना ,प्रेरक काव्य के माध्यम से लोगों की सोई हुई संवेदनाएं जागृत करना ,रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करना ,युवा शक्ति को समाज उत्थान के लिए अग्रसर करना और जीरो बजट खेती के प्रति लोगों में जागरूकता लाना हमारा उद्देश्य रहा और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमारी स्वयं सेविकाओं ने डोर-टू-डोर कार्यक्रम के जरिए लोगों को घर-घर जाकर जागरूक किया जिसका असर आगामी समय में समाज में अवश्य देखने को मिलेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. राजवंती शर्मा ने की। शिविर के सफल आयोजन पर बधाई देते हुए उन्होंने एन.एस.एस. अधिकारी डॉ. मंजीत व स्वयं सेविकाओं को बधाई देते हुए कहा कि 7 दिवसीय इस कैंप में अधिक से अधिक गतिविधियां करवाकर जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाई है।
बहादुरगढ़ शिक्षा के सभा के प्रधान व समन्वय प्रमुख श्रीनिवास गुप्ता जी ने कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में शिरकत की। उन्होंने स्वयं सेविकाओं के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की।
शिविर के समापन समारोह में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई के कोऑर्डिनेटर डॉ रणबीर गुलिया जी मुख्य अतिथि के रुप में पधारे।उन्होंने जीरो बजट खेती भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में एक सशक्त कदम विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ज्यादा उत्पादन के चक्कर में अत्यधिक रसायनों के प्रयोग के कारण हमारी भूमि की उर्वरा शक्ति खत्म होती जा रही है और बंजर होती भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में जीरो बजट खेती फार्मूला वरदान सिद्ध हुआ है इस विधि से तैयार खाद गाय के गोबर, गोमूत्र, गुड़ व पानी से तैयार की जाती है जो हर किसान के घर में आसानी से उपलब्ध हो सकता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय सचिव प्रेम बंसल सहित श्रीमती संगीता, श्रीमती नेहा आदि प्राध्यापिकाएं भी उपस्थित रहीं। कुमारी अंजू, कुमारी श्वेता व कुमारी कनिका को शिविर के दौरान दी गई उनकी बेहतरीन प्रस्तुति के लिए सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेविका, मेधावी स्वयंसेविका व कर्मठ स्वयंसेविका के रूप में सम्मानित किया गया।
शिविर में सक्रिय सहयोग देने वाली छात्राओं को उनके कथासंग्रह ‘एक और द्रोणाचार्य’ की प्रतियां पुरस्कार स्वरूप भेंट की गई।