• July 17, 2018

जागृति कार्यक्रम –पर्दा और दहेज जैसी प्रथाएं समाप्त होनी चाहिए :– सोनल गोयल

जागृति कार्यक्रम –पर्दा और दहेज जैसी प्रथाएं समाप्त होनी चाहिए :– सोनल गोयल

झज्जर———उपायुक्त सोनल गोयल ने कहा कि आर्थिक परिदृश्य के संदर्भ में हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, निवेश, अर्थव्यव्यवस्था, व्यापार के लिए सुगमता आदि मामलों में देश भर में अग्रणी है लेकिन सामाजिक परिदृश्य विशेषकर लैंगिक असमानता, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आदि विषयों पर अभी भी काम करने की जरूरत है। उन्होंने यह बात मंगलवार को लघु सचिवालय परिसर स्थित संवाद भवन में जागृति कार्यक्रम के तहत मातनहेल व बेरी खण्ड के शिक्षकों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण के अंतिम दिन अपने संबोधन के दौरान कही।

श्रीमती सोनल गोयल ने कहा कि लैंगिक असमानता को प्रदर्शित करने वाली प्रथाएं जैसे दहेज व पर्दा करने की परंपरा आदि पर अब खुलकर चर्चा होनी चाहिए ताकि समाज में महिलाओं के प्रति एक नई सोच का निर्माण हो सके। इसी सोच पर जागृति कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं घर, कार्यालय, विज्ञान, चिकित्सा, सिविल सेवा व रक्षा बलों में भी पुरूषों के साथ बराबरी करने लगी है। सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित परिवेश उपलब्ध कराने के लिए ही यूनिसेफ के सहयोग से झज्जर व रोहतक जिला में पायलट आधार जागृति कार्यक्रम चलाया गया है।

उपायुक्त ने जागृति कार्यक्रम की पृष्ठभूमि को लेकर भी प्रशिक्षण शिविर में उपस्थित शिक्षकों के साथ अपना अनुभव सांझा किया। जागृति की थीम म्हारे हरियाणा की शान, लड़का-लड़की एक समान का संदेश इस शिविर के उपरांत आप सभी को अपने-अपने स्कूलों व समाज के साथ सांझा करना होगा। शिविर में आपको किसी प्रकार का संशय लगे तो इसके बारे में तुरंत पूछा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से पूरा सहयोग मिला है। झज्जर जिला में अगले पांच-छह महीनों में मॉडल के तौर पर कार्यक्रम को क्रियांवित किया जाएगा। जिसके बाद इसे पूरे हरियाणा में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला की 30 से 40 पंचायतों में उन्हें जाने का अवसर मिला है हर जगह उन्होंने जागृति कार्यक्रम के बारे में लोगों को जानकारी भी दी है।

जागृति कार्यक्रम को लेकर झज्जर जिला में नियुक्त यूनिसेफ सलाहकार वैभव पाठक ने उपायुक्त को प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी दी। जागृति में स्कूलों की भूमिका के लिए दिल्ली की संस्था ममता हेल्थ इंस्टीच्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड की ओर से शिक्षकों को दो दिन तक प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी नीरज कुमार, बेरी के खण्ड शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र नारा, ममता संस्था की क्षेत्रीय कार्यक्रम अधिकारी सुमित्रा, नीरज, परियोजना प्रभारी डा. कृष्णा, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश दलाल, सहायक परियोजना अधिकारी ईशा आदि उपस्थित रहे।

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