जल संरक्षण के लिए “जल साक्षरता अभियान” की घोषणा

जल संरक्षण के लिए “जल साक्षरता अभियान” की घोषणा

नईदिल्ली –  केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जाडवेकर आज घोषणा करते हुए कहा कि सरकार जल संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए “जल साक्षरता अभियान” का शुभारंभ करने जा रही है। आज गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक सम्मेलन में “जल सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और दीर्घकालिक विकास” पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए लोक जागरुकता सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक इस विषय पर लोगों में जागरुकता नहीं आती तब तक इस लक्ष्य को किसी भी अधिनियम अथवा कानून से सुनिश्चित नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि गंगा पुनरोद्धार स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ने की अवधारणा के विस्तार के अलावा नदियों को प्रदूषण रहित बनाने पर भी जोर दिया जाना चाहिए। श्री जावडेकर ने दक्षिण भारत की गोदावरी और कृष्णा नदियों को जोड़ने की भी वकालत की।

श्री जावडेकर ने सूखे से प्रभावित उन क्षेत्रों को जल प्रदान करने से संबंधित योजनाओं पर भी निर्णय लेने का भरोसा दिलाया जहां किसान आत्महत्या करने पर विवश हैं। श्री जावडेकर ने कहा कि यह योजनाएं कम लागत, पर्यावरण अनुकूल और दीर्घकालिक होगीं। इस अवसर पर डेनमार्क के मंत्री श्री मौरजैन जैन्सन और गुजरात के मंत्री श्री विजय रुपानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सेमिनार के दौरान हुए पैनल विचार-विमर्श में प्रोफेसर असित कुमार विसवास और श्री बुंदी लोहानी जैसे विशेषज्ञों ने भी भाग लिया।

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