• September 24, 2018

जलभराव की समस्या स्थाई समाधान–इंडस्ट्रियल एरिया का नाला तोडक़र बनाया जाएगा

जलभराव की समस्या  स्थाई समाधान–इंडस्ट्रियल एरिया का नाला तोडक़र बनाया जाएगा

हिसार——जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्यमंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि विद्युत नगर के सामने इंडस्ट्रियल एरिया में बने बरसाती पानी की निकासी के नाले को तोडक़र नया नाला बनाया जाएगा, इसके लिए टेंडर भी हो चुका है।

नया नाला बनने के बाद इस क्षेत्र को जलभराव की समस्या से स्थाई मुक्ति मिल जाएगी।

यह बात उन्होंने आज उपायुक्त कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों द्वारा विद्युत नगर के सामने जलभराव के संबंध में पूछे गए एक प्रश्र के जवाब में कही।

लंबे समय से नाले की सफाई न करवाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच करवाई जाएगी। यदि अधिकारियों की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि जिला में चल रही खसरा-गिरदावरी के दौरान नुकसान का विवरण भी दर्ज किया जा रहा है ताकि नुकसान की स्थिति में किसानों को मुआवजा दिलवाया जा सके।

उपायुक्त ने बताया कि पूरे अगस्त माह के दौरान जिला में अधिकारियों-कर्मचारियों के सहयोग से न केवल विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया बल्कि आमजन को इससे जोडक़र उन्हें भी साफ-सफाई को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इसके चलते स्वच्छ सर्वेक्षण में हिसार जिला ने प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है, लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं और जिला को प्रथम स्थान पर लाने के प्रयास किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि लघु सचिवालय में कैटल कैचर लगवाने, चारदिवारी बनवाने सहित सौंदर्यीकरण संबंधी अन्य कार्यों के लिए भी लगभग 15 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा गया है।

हुडा के रिहायशी सेक्टरों में रहने वाले लोगों द्वारा एन्हांसमेंट के मुद्दे पर किए जा रहे आंदोलन के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में राज्यमंत्री ने बताया कि यह मामला सरकार के स्तर पर विचारधीन है।

उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि इस संबंध में उनकी हुडा के मुख्य प्रशासक से बात हुई है जिन्होंने इस मामले का जल्द समाधान होने की उम्मीद जताई है। राज्यमंत्री ने अन्य अनेक मामलों में भी पत्रकारों से चर्चा की और उनके सवालों के जवाब दिए।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply