जब विधवा हुई तब मेरा बेटा 100 दिन का था—मेनका गांधी

जब विधवा हुई तब मेरा बेटा 100 दिन का था—मेनका गांधी

सुल्तानपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सुल्तानपुर से बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी मेनका गांधी ने शनिवार को नगर स्थित तिकोनिया पार्क में आयोजित बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में संबोधित किया.

संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि उनके पति संजय गांधी का सुल्तानपुर-अमेठी से पुराना लगाव था और उन्होंने अपने पति के साथ ही सुल्तानपुर से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था.

भावुक अंदाज में केंद्रीय मंत्री मेनका ने कहा, “जब मैं विधवा हुई तो मेरा बेटा 100 दिन का था. उस समय मैंने अपने को बहुत अकेला महसूस करते हुए भगवान के ऊपर सब कुछ छोड़ दिया. आज मैं जो इतनी भारी कार्यकर्ताओं की सेना देख रही हूं और जो उनमें उत्साह दिखाई पड़ रहा है उससे हम चुनाव जीतेंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “आपके उत्साह एवं लगन से हम चुनाव जीतेंगे. अपने होने वाले सांसद के बारे में भी आपको जानना जरूरी है. मैं पीलीभीत से सात बार क्यों चुनाव जीती? एक-एक इंसान को यह मालूम है कि कोई भी इंसान मदद के लिए आया तो वह खाली हाथ नहीं लौटा.

सुल्तानपुर में अपने बेटे वरुण को यहां प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा. वरुण ने भी सुल्तानपुर के लिए बहुत कुछ किया. वह तो प्रत्येक महीने का अपना वेतन भी गरीबों के लिए खर्च करता रहा, जो मैं नहीं कर सकी.”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए मेनका ने कहा कि मोदी ने देश में जो कुछ किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता. उनके द्वारा महिलाओं के लिए शौचालय, गरीब किसानों के लिए उनके खाते में छह हजार रुपए की सहायता राशि, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना जैसी कई सुविधाएं जनता को उपलब्ध कराई गई हैं.

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पहली बार सुल्तानपुर आने पर मेनका का पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया.

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