- December 11, 2014
जनवरी 2015 तक अजमेर : स्मार्ट सिटी विजन प्लान -अतिरिक्त मुख्य सचिव
जयपुर – अतिरिक्त मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवासन विभाग श्री ए.के जैन ने अजमेर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए अधिकारियों की बैठक ली और कहां कि अजमेर एक विशेष शहर है, जो स्मार्ट सिटी बनने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है। उन्होंने आगामी जनवरी 2015 तक ”स्मार्ट सिटी विजन प्लान’ बनाने को कहा और इसका कार्य 2016 तक पूरा करने की आवश्यकता जताई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए चलाएं जाने वाले कार्य और अभियान की कोई सीमा नहीं है यह एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, परन्तु प्रारम्भिक कार्य को 2016 तक पूरा करना होगा। उन्होंने इसके लिए अजमेर विकास प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाकर तत्काल कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए।
श्री जैन बुधवार को अजमेर संभागीय आयुक्त कार्यालय में स्मार्ट सिटी विजन डॉक्यूमेंट के लिए आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए आवश्यक सभी बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
श्री जैन ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए चार प्रमुख क्षेत्रों में कार्य करके आधारभूत सुविधाओं को विकसित करना होगा, जिनमें (1) फीजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर (2) सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर (3) इन्सट्ीयूशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर (4) सर्विसेज इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी करना है। इन सभी क्षेत्रों के आधारभूत ढ़ाचों में तभी विस्तार होगा जब हर स्तर पर सामूहिक प्रयास प्रारम्भ होंगे और अजमेर में ये प्रयास तत्काल प्रारम्भ कर देने चाहिए। उन्होंने किशनगढ़ और पुष्कर को भी इसमें सम्मिलित करते हुए विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने को कहा क्योंकि यह दोनों शहर अजमेर विकास प्राधिकरण की सीमा में हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि स्मार्ट विजन डॉक्यूमेंट में फीजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत सडक, यातायात, बाईपास, रेलवे, सार्वजनिक निर्माण विभाग, हवाई अड्डा से जुड़ी सभी सुविधाओं का ऐसा विस्तार हो कि यहां आने वाले नागरिक पर्यटक और श्रद्घालुओं को पूरी तरह से सुविधा मिल सके। शहर अतिक्रमण मुक्त हो इसे ध्यान में रखकर समन्वित प्रयास करने होंगे। सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन आदि क्षेत्रों की आधारभूत सुविधाओं का इस तरह से विस्तार करना होगा कि यहां के नागरिकों के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोगों को आसानी से शिक्षा, चिकित्सा की सेवाएं सुलभ हो सके। पर्यटन क्षेत्रों को ओर विकसित कर अधिक आकर्षक बनाएं जाएं।
इन्स्टीयूशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत बैंक सहित विभिन्न विभागों की शाखाओं व कार्यालयों में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार हो और दी जाने वाले सुविधाएं आम लोगों के लिए पर्याप्त रहें। सर्विसेस इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत आम लोगों को सभी प्रकार की सुविधाएं व स्वीकृतियां आसानी से उपलब्ध हो जाएं, जिनकी वे मांग करते हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम से जुड़े कार्याें की स्वीकृति चाहने वाले नागरिकों को आसानी से प्राप्त हो, पुलिस से मांगी जाने वाली स्वीकृति नियमों के तहत तत्काल मिलनी चाहिए। रेलवे, बीएसएनएल सहित अन्य विभागों को भी इसमें जोड़ा जाना होगा। घर बैठे इन्टरनेट पर व्यक्ति को सुविधा व जानकारी उपलब्ध होती है तो वे स्मार्ट सिटी के लिए सबसे उपर्युक्त मापदंड होगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि वाहनों की पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों का चयन कर भूमिगत एवं अन्य तरीके से पार्किंग स्थल विकसित करने होंगे। जगह-जगह पर सड़कों पर दुकान व ठेले लगाने वालों को हटाना ही पडेगा, उनके लिए अलग से बाजार निर्धारित किए जाने चाहिए। नागरिकों को 24 घंटे पीने का पानी, अच्छे किस्म की बिजली मिले, घरों से कचरा उठाने का कार्यक्रम तत्काल प्रारम्भ हो, सीवरेज लाईन से धरों को तत्काल जोड़ा जाना चाहिए और यदि इन सुविधाओं में अभी कमी है तो इनका विकास सुनियोजित तरीके से करना ही होगा। नगर निगम की अग्निशमन सेवाओं, चिकित्सा विभाग की निर्धारित स्थलों पर डिस्पेन्सरी, आवश्यकतानुसार बैंक की शाखाएं और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए सभी प्रकार के आधुनिक इंतजाम करते हुए पर्याप्त स्थलों पर सीसी टीवी कैमरे लगाने होंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्मार्ट सिटी विजन डॉक्यूमेंट बनाते समय शहर की धरोहर संरक्षण और पर्यावरण के साथ छेडछाड़ किए बिना जन भागीदारी के साथ कार्य करना होगा। प्रत्येक नागरिक की भागीदारी होने पर ही इस क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है।
संभागीय आयुक्त डॉ. धर्मेन्द्र भटनागर ने अजमेर स्मार्ट व हेरीटेज सिटी के लिए अब तक की गई प्रारम्भिक चर्चाओं की विस्तार से जानकारी दी।
जिला कलक्टर डॉ. आरूषि ए. मलिक ने बताया कि अजमेर के आनासागर व फॉयसागर की पाल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक श्री महेन्द्र सिंह ने स्मार्ट पुलिसिंग तथा स्मार्ट सिटी में पुलिस की व्यवस्था के संबंध में किए जाने वाले कार्याें के बारे में जानकारी दी।
अजमेर नगर निगम के महापौर श्री कमल बाकोलिया ने बताया कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सर्वप्रथम यहां की समस्याओं का चिन्हीकरण कर उनका व्यवहारिक समाधान निकालना होगा।
बैठक में नगर परिषद किशनगढ़ की सभापति श्रीमती गुणमाला पाटनी तथा पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष श्री कमल पाठक ने स्मार्ट सिटी विजन डॉक्यूमेंट में किशनगढ़ व पुष्कर को सम्मिलित करने का अनुरोध किया।
बैठक में नगरीय विकास विभाग के संयुक्त शासन सचिव श्री सी.एस. मूथा, उप शासन सचिव श्री राकेश शर्मा, अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त श्रीमती स्नेहलता पंवार, अजमेर नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी.आर. मीना, एवीवीएनएल के मुख्य अभियन्ता श्री बी.एस. रतनू, बीएसएनएल के महा प्रबंधक श्री हरी शंकर शर्मा ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिएं। बैठक में परिवहन विभाग के अपर आयुक्त श्री एस.के. नामा, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. प्रभुदयाल, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव श्री महेन्द्र प्रकाश शर्मा सहित सयुंक्त निदेशक चिकित्सा, जलदाय विभाग के मुख्य अभियन्ता तथा अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री रमेश सौंलकी आदि मौजूद थे।
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