जनता के प्रति असंवेदनशील व्यवहार और उसका अहित करने वाले कदापि बर्दाश्त नहीं होंगे

जनता के प्रति असंवेदनशील व्यवहार और उसका अहित करने वाले कदापि बर्दाश्त नहीं होंगे

अजय वर्मा  ———————– मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनता के प्रति असंवेदनशील व्यवहार और उसका अहित करने वाले कदापि बर्दाश्त नहीं होंगे। सज्जन के साथ सज्जनता के साथ व्यवहार हो। लेकिन दुर्जनों के विरूद्ध वज्र की कठोरता के साथ सख्त कार्रवाई की जाये। श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय में पंचायत विभाग की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर विभागीय मंत्री श्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा और अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा भी मौजूद थीं।cm-panchayat-review-2016

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पंचायत अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों की निगरानी में जनभागीदारी को बढ़ाया जाये। उन्होंने कहा है कि ग्राम में होने वाले घटिया निर्माण कार्यों की जानकारी के फोटो ग्रामीणों से प्राप्त करने की व्यवस्था की जाये ताकि कोई भी ग्रामीणजन मोबाइल से फोटो खींचकर घटिया निर्माण कार्यों की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे सके। विभागीय प्रक्रियायें जिनकी जटिलता जन अपेक्षाओं के पूर्ति में अवरोधक हो रही हैं। उनको सरलीकृत किया जाये। व्यवस्थाओं को अधिक से अधिक पारदर्शी बनाया जाये।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में प्राप्त शिकायतों और मुख्यमंत्री की घोषणाओं के निराकरण की मॉनीटरिंग को और अधिक प्रभावी बनाया जाये। उन्होंने शिकायतों के निराकरण में विलम्ब करने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई को और तेज किया जाये। भ्रष्टाचारियों को चिन्हित कर पकड़ने के साथ ही उनके नियंत्रक अधिकारियों के भी कार्य व्यवहार की निगरानी की जाये। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर के कर्मचारी सप्ताह में नियत दिवस को कार्यालय में उपस्थित रहें। ऐसी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इसके लिये अंतर्विभागीय बैठक आयोजित कर प्रारूप तैयार किया जाये। उत्कृष्ट कार्य करने वाले पंचायत पदाधिकारों और अधिकारियों को पुरस्कृत और सम्मानित भी किया जाना चाहिये। इसके लिये राज्य, जिला और विकासखण्ड पर कार्यक्रम आयोजित किये जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत अधिनियम के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों और शिकायतों का निराकरण निर्धारित अवधि में हो। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। निर्धारित समयावधि में प्रकरण निराकृत नहीं होने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तरीय शासकीय सेवकों पर ग्राम पंचायतों का प्रशासनिक नियंत्रण और अधिक मजबूत किया जाये। अधिकारों के साथ दायित्वों का भी संयोजन प्रभावी ढ़ंग से किया जाये। जिला एवं पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों को दिये गये दायित्वों और अधिकारों पर आधारित मार्गदर्शिका तैयारी की जाये।

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